नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को विश्वास व्यक्त किया कि कृषि क्षेत्र में नए अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किसानों की उत्पादन लागत कम की जानी चाहिए और किसानों की प्रगति और विकास को प्राप्त किया जाना चाहिए।
वे वनामती सभागार में कृषि क्षेत्र में ड्रोन विषय पर एग्रोविजन फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में बोल रहे थे। डॉ इंद्रमणि मिश्रा, डॉ माई, डॉ गोरंटीवार, जितेंद्र गौड़, रवींद्र ठाकरे आदि मान्यवर इस अवसर पर उपस्थित थे। ड्रोन के छिड़काव से 75 प्रतिशत दवा और खाद फसल को मिलती है जबकि 25 प्रतिशत बर्बाद हो जाती है। गडकरी ने यह भी बताया कि ड्रोन के जरिए दवा के छिड़काव से फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और किसानों का उत्पादन भी बढ़ेगा।
गडकरी ने कहा कि ड्रोन के इस्तेमाल से कृषि क्षेत्र में रोजगार पैदा होगा, ड्रोन छिड़काव प्रशिक्षण की व्यवस्था सरकार की ओर से की गई है, ड्रोन खरीदने और किसानों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई जानी चाहिए और अगर ड्रोन बैटरी के बजाय फ्लेक्स इंजन का उपयोग करते हैं, तो इस संभावना की जांच होनी चाहिए। अगर ये इंजन एथनॉल पर चलते हैं तो ड्रोन की मौजूदा लागत और कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, “मैं एथेनॉल पर ड्रोन संचालन के कांसेप्ट की ओर सरकार की ओर से कोशिश कर रहा हूं। ड्रोन की तरह हार्वेस्टिंग के मद्देनजर भी योजना बनाई जानी चाहिए जिसमें 40 फीसदी राज्य सरकार और 25 फीसदी केंद्र सरकार को खर्च उठाना चाहिए। इससे गन्ना किसानों के सामने आने वाले संकट का समाधान होगा।”
विदर्भ के सिंडी तथा मराठवाड़ा में जालना ड्राई पोर्ट का काम चल रहा है और अब नासिक सांगली सोलापुर ड्राई पोर्ट भी बनेगा। गडकरी ने कहा कि मैं इस सूखे बंदरगाह में एक कृषि सामान निर्यात केंद्र बनाने की कोशिश कर रहा हूं ताकि किसानों का लाभ हो। सीधे ऐसे बंदरगाह से निर्यात किया जाएगा। गडकरी ने यह भी कहा कि हमारे किसान और कृषि विकास कार्य तब तक जारी रहेंगे जब तक कि विदर्भ और मराठवाड़ा में कोई भी किसान आत्महत्या करना बंद नहीं करता।