नागपुर के पवित्र दीक्षाभूमि पर 68वें धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के अवसर पर पुरे देशभर से लाखों अनुयायी दीक्षाभूमि पहुंचे. दो दिन पहले से नागपुर के दीक्षाभूमि में लोग पहुंचने शुरू हो गए थे. कल रात से दीक्षाभूमि में कई कार्यक्रम हो रहे है. अनुयायियों की भीड़ रात से ही लाइन में लगकर डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को नमन कर रही है. बता दें की साल 1956 में विजयादशमी के दिन बाबासाहेब ने दीक्षाभूमि पर ही क्रांति की शुरुवात की थी और हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धम्म अपने 5 लाख से ज्यादा अनुयायियों को दिलाया था. इस दिन बाबासाहेब आंबेडकर के अस्थि कलश के दर्शन करने के लिए पुरे देश भर के बौद्ध अनुयायी और आंबेडकरी विचारधारा को माननेवाले लोग पहुंचते है.
आज शाम को धम्मचक्र प्रवर्तन दिन सम्मेलन शाम को 6 बजे भिक्कू संघ की मौजूदगी में संपन्न होगा. इस बार पहली बार किसी भी राजनेता को मंच पर स्थान नहीं दिया जाएगा. इस बार दीक्षाभूमि पर दो सौ से ज्यादा किताबों की दुकाने लगी है.प्रवर्तन दिन के अवसर पर पहुंचेवाले लाखों अनुयायियों के लिए 11 से लेकर 14 अक्टूबर के दौरान सभी आवश्यक सुविधाएं की गई है. बुद्ध वंदना और समता दल सैनिक ने ली प्रतिज्ञाएं दीक्षाभूमि पर सुबह ही भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई की मौजूदगी में अन्य भंतेजी के साथ बुद्ध वंदना की गई. इसके साथ समता सैनिक दल ने भी प्रतिज्ञाएं ली. बता दें की आज विजयादशमी के दिन के साथ ही 14 अक्टूबर को भी बड़ी तादाद में अनुयायी दीक्षाभूमि पहुंचते है.