नागपुर: शहर की परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के संकल्प के साथ नागपुर महानगर पालिका ने ‘आपली बस’ योजना शुरू की थी। खुद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और देश के परिवहन मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर योजना का शुभारंभ किया। नितिन गड़करी चैलेंजिंग काम के लिए जाने जाते हैं। अपने शहर के लिए उनके कई सपने हैं, इन्हीं में से एक है प्रदुषण मुक्त परिवहन व्यवस्था को लागू करना। इथेनॉल ईंधन की खूबी के मुरीद गड़करी ने देश की पहली 100 % इथेनॉल पर चलने वाली बस को नागपुर की सडकों पर दौड़ाया। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए पाँच दिसंबर 2016 को नागपुर में ‘आपली बस’ योजना की शुरुआत के अंतर्गत रेड बसों के साथ 8 ग्रीन बसों को हरी झंडी दिखाई गयी।
इस योजना को शुरू हुए आज 40 दिन से ज्यादा का वक्त हो चुका है। लेकिन प्रदुषण रहित इन बसों पर बैठने का जनता का सपना, आज भी सपना ही बना दिखाई दे रहा है। दअरसल उद्घाटन के बाद से ही ये ग्रीन बसें अमरावती रोड पर बस चलाने वाली कंपनी के मेंटेनेंस डिपो में ही खड़ी हैं।
शहर में ग्रीन बसों को चलाने के लिए अब तक इसके अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार ही नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं अब तक चालीस दिन बीत जाने के बाद भी इथेनॉल पंप भी तैयार नहीं हैं। ऐसे में इन बसों में लगने वाला ईंधन भी मुहैय्या नहीं हो पा रहा है। विपक्ष बसों की हालात पर बीजेपी को घेर रहा है।
काँग्रेस के शहर अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष विकास ठाकरे ने बिना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए ही, जनता को लुभाने बस के लिए जल्दबाजी में योजना को शुरू करने का आरोप लगाया है। वही मनपा आयुक्त में मुताबिक ग्रीन बस के लिए ईंधन पंप के निर्माण का काम शुरू है। किन्हीं तकनीकी दिक्कतों की वजह से इस काम में देरी हुई लेकिन 15 दिनों के भीतर पंप बनकर तैयार ही जायेगा और ग्रीन बसे सुचारू रूप से शहर की सड़कों पर दौड़ती दिखाई देंगी।
शहर में बड़ते प्रदूषण को कम करने के मक़सद से केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने ग्रीन टेक्नॉलजी पर चलने वाली 55 बस शहर में चलाने का फैसला लिया है। स्क्यानिया कम्पनी की एक ग्रीन बस की क़ीमत तक़रीबन 1 करोड़ रुपए है । पहले फेज में 14 बस शहर में चलायी जानी थी, जो अब तक नहीं चल पायी है।