Published On : Mon, Aug 1st, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन, सौर ऊर्जा की मदद से ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण करें

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का आवाहन

नागपुर: हमारा देश सोलह लाख करोड़ तेल ईंधन का आयात कर रहा है और इस लागत को कम करने के लिए बायो सीएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन का अत्यधिक उपयोग किया जाना चाहिए। अगर सौर ऊर्जा की मदद से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाता है, तो उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध होगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को नागपुर में आवाहन किया कि ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और चूंकि ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन बायोमास से होता है, इसलिए किसानों को इस ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना चाहिए। वे अखिल भारतीय अक्षय ऊर्जा संघ के नागपुर मुख्यालय के उद्घाटन समारोह के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य के ऊर्जा सचिव दिनेश वाघमारे, महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी महाऊर्जा के महानिदेशक रविंद्र जगताप मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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गडकरी ने बताया कि अक्षय ऊर्जा में सौर ऊर्जा का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है और ऊर्जा बास्केट में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। 250 गीगा वाट की क्षमता वाला यह सेक्टर है। सौर ऊर्जा में 7 लाख 80 हजार करोड़ का निवेश किया गया है और इस क्षेत्र में रोजगार के काफी अवसर उपलब्ध होंगे। केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सोलर कुकर और सोलर चुल जैसी पहल शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि महावितरण कंपनी के वितरण में 10 लाख करोड़ से अधिक का वितरण घाटा हुआ है, इसलिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष बिजली प्रीपेड कार्ड जैसी व्यवस्था शुरू करने की योजना है।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय ने एक योजना तैयार की थी कि सोलर पैनलों की मदद से बिजली का उपयोग करने वाले उद्यमियों को उनके बिजली बिल में सब्सिडी मिलेगी, लेकिन यह कहते हुए कि वितरण कंपनियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी देने के संबंध में उन्होंने बताया कि महा मेट्रो नागपुर भी सौर ऊर्जा का उपयोग कर रहा है। यदि सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में भी सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाए तो बिजली की काफी बचत होगी।

इस अवसर पर बोलते हुए दिनेश वाघमारे ने कहा कि सोलर रूफ टॉप के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से सौर सब्सिडी प्रदान करने के लिए विद्युत मंत्रालय के माध्यम से एक राष्ट्रीय पोर्टल शुरू करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर सौर, पवन, बायोगैस, हाइड्रोजन और जल संरक्षण के क्षेत्र की नामी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र के विशेषज्ञ भी मौजूद थे।

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