नागपुर. आरटीई की विभिन्न शिकायतों का निपटारा करने के लिए गठित डीएफआरसी कमेटी अब तक कार्य करने के लिए स्टेब्लिस ही नहीं हो सकी है जिसके कारण पालकों को अभी भी अपनी शिकायतों का समाधान नहीं मिल पा रहा है. सरकार की घोषणा करने के बाद भी जिले में नियमों का पालन अधिकारी नहीं कर रहे हैं.
जब पैरेंट्स शिकायत करने के लिए डीएफआरसी कमेटी में जा रहे हैं तो उन्हें वहां से निराशा ही मिल रही है. जून में डीएफआरसी के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई थी लेकिन आधा जुलाई खत्म होने को है, अब तक पैरेंट्स को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब तक आरटीई से संबंधित 13 शिकायतें आ चुकी हैं जिनका निपटारा अब साधारण समिति में किया जाएगा. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन शाहिद शरीफ ने बताया कि पैरेंट्स की समस्याओं का हल अब साधारण कमेटी में किया जा जाएगा.
इन मुख्य समस्याओं को रखेंगे सभा में
शाहिद शरीफ ने बताया कि विभागीय शिकायत निवारण समिति का निर्णय जून में आया था लेकिन उसकी स्थापना आज तक हो नहीं पाई है. इसके चलते विभागीय शिकायत समिति के सामने १3 शिकायतें रखी जाएंगी जिनमें आरटीई के नियमों का उल्लंघन पहला मुद्दा होगा. इसके बाद स्कूलों में मनमानी फीस वसूली, फीस बढ़ोतरी के साथ पीटीए के गठन का मामला भी शामिल होगा. इन सबके अलावा पालकों के अन्य मुद्दे भी शामिल होंगे.
दर-दर भटकने को मजबूर पैरेंट्स
बताया जा रहा है कि नियमानुसार उप संचालक द्वारा आदेश जारी कर सभी शालाओं को अधिनियम के तहत पीटीए की स्थापना का आह्वान प्रस्तुत करना अनिवार्य है लेकिन आज तक उप संचालक कार्यालय ने कोई निर्देश जारी नहीं किया वहीं दूसरी ओर सरकार में शासन निर्णय के माध्यम से विभागीय फ़ीस निवारण समिति का प्रचार प्रसार करना है लेकिन इसके लिए भी पहल नहीं की गई है. शिक्षा विभाग पालकों की समस्याओं के लिए गंभीर नहीं है उप संचालक को शिकायत मिलने पर वे शिक्षा अधिकारी के कार्यालय भेजते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को मजबूरन दर-दर भटकना पड़ रहा है.