नागपुर: गरीबों का हक़ मारकर अनियमित रूप से मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत प्रवेश पाने वालों का सिलसिला आज भी जारी है नागपुर पंचायत समिति के प्रभारी अधिकारि आठ वर्षों से अपनी पैठ जमा कर पंचायत समिति मे क़ाबिज़ मूल पद शरद भंडारकर केंद्र प्रमुख का है और प्रभारी विस्तार अधिकारी शिक्षण के सचिव वेरीफिकेशन कमिटी के कार्यकाल २०२१ मे बोगस प्रवेश दिए गए और इसकी जाँच मो. शाहिद शरीफ़ चेयरमैन आरटिइ एक्शन कमिटी इनके द्वारा कराई गई मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आदेश पर जाँच में आया दिए गए प्रवेश नियम बहाए है ।
पद का दुरुपयोग करते हुए सरपंच *रवींद्र ईश्वर ढोले (बोर्रगाँव)ने प्रवीण कुशाल चौधरी को निवासी प्रमाण पत्र दिया और उसी प्रकार सरपंच मायाताइ ठाकरे (येरला ) ने प्रमोद वसंतराव भोयर निवासी प्रमाण पत्र दिया जो के ग्रामीण विकास मंत्रालय के शासन निर्णय का उल्लंघन है सरपंचों को रहवासी प्रमाण पत्र देने का अधिकार नहीं।
गट विकास अधिकारी गुंजलवार के अहवाल पर शिक्षा अधिकारी प्राथमिक रोहिणी कुंभार इनके द्वारा प्रवेश रद्द करने का आदेश देने के बावजूद भी बोगस प्रवेशों को रद्द नहीं किया गया जब के अहवाल में यह स्पष्ट हुआ है कि भारतीय विद्या भवन स्कूल (आसटी) द्वारा स्थानीय वेरिफ़िकेशन करने के बाद अभिभावक निवास नहीं करते और जानकारी लेने पर पता चला कि वह इस गाँव में नहीं रहे थे
मात्र प्रवेश लेने के लिए झूठे दस्तावेज़ उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं । ग़रीब गाँव वासियों का हक़ मारकर के पूंजीपति अभिभावकों को बोगस प्रवेश लेने लेने मे उनके इस कृत पर पर्दा डालने के लिए राजनैतिक नेता सक्रिय हुए हैं और राजनीतिक दबाव के कारण गट शिक्षण अधिकारी राजश्री घोकडे ने २०२१ मैं दिए गए बोगस प्रवेश रद्द करने से इनकार कर दिया है।