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नागपुर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जीएसटी लागू करने से देश में कालाधन खत्म होगा, वहीं लोगों को टैक्स के जंजाल से मुक्ति मिलेगी. इससे 17 टैक्स खत्म होंगे, साथ ही ये भ्रष्टाचार खत्म करने में फायदा होगा. गडकरी ने कहा कि पेट्रोल-शराब को जीएसटी में लाने से राज्य सरकार ने मना किया. जीएसटी से राज्य सरकार और केंद्र सरकार का राजस्व बढ़ेगा. अभी लोगों को 28 फीसदी टैक्स ज्यादा लग रहा है, लेकिन लोग ये नहीं देख रहे हैं कि इससे काफी टैक्स भी खत्म हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पहले लोगों को हर तरह के टैक्स भरने में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अभी लोगों को शुरुआती कुछ समय में इसे देखना चाहिए, अगर कोई दिक्कत होगी तो उसमें सुधार लाया जाएगा.पैक प्रोडेक्ट पर टैक्स बढ़ने से लोवर मिडिल क्लास पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गडकरी ने कहा कि देश के लिए विदेशी निवेश जरुरी है, लेकिन देश के व्यापारियों को भी बढ़ावा देना जरुरी है. हमारा विरोध करना कांग्रेस की मजबूरी है, इसलिए वो ऐसा कर रहा है. जीएसटी सिर्फ बीजेपी की देन नहीं, कांग्रेस ने भी इस पर काम किया है. लेकिन विपक्ष के नाते उनका विरोध करना हक है.
संसद में आधी रात को स्पेशल सत्र पर विपक्ष के विरोध पर उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का कार्यक्रम नहीं है, ये सरकार का कार्यक्रम है. इसमें पीएम, राष्ट्रपति, पूर्व पीएम समेत देश की कई हस्तियां शामिल होंगी. अभी जो भी स्लैब तैयार किए गए हैं, वो सिर्फ हमारी सरकार का फैसला नहीं है. उसमें सभी ने साथ में निर्णय लिया है.
सरकार जीएसटी के लिए पूरी तरह से तैयार है, हम लगातार इस पर बात कर रहे हैं. सरकार ने सभी को साथ लेकर इसे लागू किया है, अगर कुछ भी दिक्कत होती है. तो हम उसे दूर करेंगे. गडकरी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी काफी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में जल्दबाजी नहीं की गई है, इसको लेकर काफी लंबे समय से बहस चल रही है. गडकरी ने कहा कि जीएसटी लागू होने से इंस्पेक्टर राज खत्म होगा, लोगों को 17 टैक्स और 22 सेस से छूट मिलेगी.
नितिन गडकरी ने कहा कि मैं भी पीएम मोदी की तरह हूं, हम लोग मीडिया के दबाव में काम नहीं करते हैं. व्यापारियों से मैं अपील करना चाहता हूं कि एक बार उन्हें सिस्टम को लागू होने देना चाहिए, हमारी भी कुछ गलती हो सकती है. अगर दिक्कत होती है तो हम सुधार करने के लिए तैयार हैं. हमारी सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये अनुदान होने से बचाए. कई जगहों पर कठोर निर्णय करने काफी जरुरी हैं.