Published On : Sat, Jul 16th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

खाद्यान्न एवं कृषी उत्पादित वस्तुओं पर लगने वाली जी.एस.टी. रद्द करें सरकार: एन.वी.सी.सी.

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व्यापारियों द्वारा एन.वी.सी.सी. प्रांगण में खाद्यान्न एवं कृषी उत्पादित वस्तुओं पर जी.एस.टी. का विरोध प्रदर्शन विदर्भ के 13 लाख व्यापारियों की अग्रणी व शीर्ष संस्था नाग विदर्भ चेंबर आॅफ काॅमर्स के अध्यक्ष श्री अश्विन प्रकाश मेहाड़िया के नेतृत्व में व्यापारियों ने जी.एस.टी. का पुतला जलाकर 18 जुलाई 2022 खाद्यान्न वस्तुओं एवं कृषी उत्पादित वस्तुओं पर लगने वाली 5% जी.एस.टी. का विरोध प्रदर्शन किया।

अध्यक्ष श्री अश्विन प्रकाश मेहाड़िया ने कहा कि कैट द्वारा जीवनावश्यक एवं कृषी उत्पादित वस्तुओं पर लगने जी.एस.टी. के विरोध में भारत बंद का आव्हान किया है जिसका समर्थन करते हुये एन.वी.सी.सी. द्वारा इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. टैक्स प्रणाली पर व्यापारियों का विरोध नहीं है। किंतु आजादी के पुर्व काल से आजतक खाद्यान्न सामग्री संबंधित वस्तुओं पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं था। कृषी क्षेत्र भारत सबसे बड़ा उद्योग किंतु अब सरकार ने उस क्षेत्र से संबंधित जीवनावश्यक वस्तुओं एव कृषी उत्पादित वस्तुओं पर पर टैक्स लगाकर आमजनता के मुख से निवाला छिनने की पुरी तैयारी कर ली है। जो कि अव्यवहारिक है।

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चेंबर के पुर्व अध्यक्ष व कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी. भरतियाजी ने कहा कि पूरे देश में व्यापारियों में तीव्र असंतोष है पहिले ब्रांडेड अनाजों से शुरुआत कर अब नान ब्रांडेड दलहनों पर जी एस टी लगाना न्यायसंगत नहीं है इससे सभी जीवानश्यक वस्तुओ की कींमतो में भारी बढ़ोतरी होंगी जिसकी मार आम जनता पर लगेगी। 5 फीसदी जी एस टी के विरोध में देश भर में 7300 मंडियां, 13 हजार दाल मिले,9600 चावल मिले हजारों आटा मिलें, 38 हजार आटा चक्की,और पूरे देश में लाखों की संख्या में दुकानें बंद रखकर अपना समर्थन जाहीर किया है।

चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान आम जनता की मूलभूत आवश्यकताएं है। जी.एस.टी. लागू करने के कारण इन वस्तुओं की कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि होकर आमजनता जो कि अंतिम उपभोक्ता है उस पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और यह वस्तुएं उनकी की पहुंच से दुर होती जायेगी। जो कि जन सामान्य का मौलिक अधिकार है। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि आम जनता को मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है जबकि सरकार ने जीवनावश्यक खाद्यान्न वस्तुओं पर टैक्स लगाकर आम जनता के मूलभुत सुविधाओं के अधिकारों पर हमला किया है।

दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संतोषकुमार अग्रवाल ने कहा कि इस टैक्स के कारण किसान व्यापारी जनता सभी प्रताड़ित होंगे, गेंहू चावल दालों पर 5 फीसदी जी एस टी के विरोध में देश भर में 7300 मंडियां , 13 हजार दाल मिले,9600 चावल मिले हजारों आटा मिलें, 38 हजार आटा चक्की,और पूरे देश में लाखों की संख्या में दुकानें बंद रहेगी, आजादी के बाद पहली बार जीवनश्यक वस्तुओ पर टैक्स लगाना बेहद दुखदायी है।

दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चंट्स एसोसिएशन के सचिव श्री प्रताप मोटवानी ने कहा कि सरकार अगर जल्दी ही इसे अगर रद्द नहीं करती तो व्यापारियों का आंदोलन और तीव्र हो जायेगा मात्र 1 देश में व्यापार बंद होने से अरबों रूपयों का टर्न ओवर प्रभावित होंगा , देश में करीब 15 करोड़ छोटे बड़े व्यापारी इस कानून से प्रभावित होंगे , जी एस टी लगने के साथ उसके कठोर प्रावधान और नियमों से व्यापारी बेहद प्रताड़ित होंगे ,देश हित आम जनता के राहत व्यापारियों के व्यापार किसानों के हित के लिए इसे तुरंत रद्द करना आवशयक है

इस अवसर पर सर्वश्री – अध्यक्ष – अश्विन प्रकाश मेहाड़िया, पुर्व अध्यक्ष – श्री बी.सी. भरतियाजी, सुरेशजी भोजवानी, उपाध्यक्ष – अर्जुनदास आहुजा, फारूकभाई अकबानी, स्वप्निल अहिरकर, सचिव – रामअवतार तोतला, कोषाध्यक्ष – सचिन पुनियानी, सहसचिव – शब्बार शाकिर, राजवंतपाल सिंग तुली जनसंपर्क अधिकारी – हेमंत सारडा, चंेबर के प्रभाकर देशमुख, मोहन चोईथानी, चंदुमल अमेसर दौलत कुुंगवाली, सलीम अजानी, प्रताप मोटवानी, संदीप अग्रवाल, प्रशांत चैधरी, योगेश भोजवानी, सतीष बंग, दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री संतोषकुमार अग्रवाल, सदस्य एवं इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया से बड़ी मात्रा में पत्रकार बंधु उपस्थित थे।
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति द्वारा चेंबर के सचिव श्री रामअवतार तोतला ने दी।

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