Published On : Fri, Oct 6th, 2017

GST में छोटे कारोबारियों, उपभोक्ताओं को राहत

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GST की नई दरों से क्या-क्या होगा सस्ता

Arun Jaitley in GST Council
नई दिल्ली:
जीएसटी लागू होने के बाद से लगातार आलोचना का शिकार हो रही केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जीएसटी में बदलाव किया है। जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के तहत कई तरह की छूटों की घोषणा की। इन छूटों से छोटे कारोबारियों, निर्यातकों और उपभोक्ताओं को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। जेटली ने कहा कि कुछ तकनीकी समस्याएं हैं जो धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2018 तक सभी एक्सपोर्टर्स का ई वॉलिट बनाया जाएगा।

एक्सपोर्टर्स का फंसा हुआ पैसा मिलेगा
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद में एक्सपोर्टर्स की समस्या पर विचार हुआ। जीएसटी लगने की वजह से एक्सपोटर्स का क्रेडिट काफी ब्लॉक हो रखा है, जिसका असर उनकी कैश लिक्विडिटी पर पड़ा है। जेटली ने कहा कि इसका डेटा तो उपलब्ध है लेकिन तुरंत रीपेमेंट व्यवस्था धीरे-धीरे बन रही है। उसमें थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में तय हुआ है कि 10 अक्टूबर से जुलाई का और 18 अक्टूबर से अगस्त का रीफंड प्रोसेस करके एक्सपोटर्स को चेक से भुगतान कर दिया जाएगा। यह केवल अंतरिम व्यवस्था होगी।

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कंपोजिशन स्कीम का दायरा 75 लाख से एक करोड़ हुआ
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंझोले और छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ा दिया है। इस स्कीम में पहले 75 लाख के टर्नओवर वाले कारोबारी थे, अब इसे बढ़ाकर इसमें एक करोड़ तक के टर्नओवर वालों को भी शामिल कर लिया गया है।

जीएसटी के तहत इस स्कीम में 3 प्रकार के लोग आते हैं। पहला ट्रेडर्स जो एक फीसदी टैक्स देंगे, दूसरा मैन्युफैक्चरर्स जो दो फीसदी टैक्स देंगे और तीसरा रेस्तरां बिजनस वाले, जिन्हें 5 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा। अब दायरा बढ़ जाने से तीनों तरह के कारोबारियों को राहत मिलेगी। सर्विसेज को इस स्कीम में शामिल नहीं किया गया है।

डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले अब 3 महीने पर भरेंगे रिटर्न
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत अबतक के टैक्स कलेक्शन से पता चला है कि बड़ा हिस्सा बड़े कारोबारियों से आ रहा है। हालांकि जीएसटी सिस्टम में मंझोले और छोटे कारोबारियों की संख्या भी काफी है। ऐसे में उन्हें जीएसटी की जटिलताओं से परेशान होना पड़ रहा है। उन्हें राहत देते हुए डेढ़ करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को भी तीन महीने पर रिटर्न दाखिल करने की छूट देने का फैसला हुआ है। जेटली ने कहा कि इससे करीब 90 फीसदी टैक्स पेयर्स को राहत मिलेगी।

अब ये चीजें मिलेंगी सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स घटा दिया है। ऐसी करीब 27 चीजें है जिनपर राहत मिल गई है। स्लाइ्स ड्राइड मैंगो पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी, खाखड़ा व प्लेन चपाती पर 12 से 5, बच्चों के पैकेज्ड फूड पर 12 से 5, अनब्रैंडेड नमकीन पर 12 से 5, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।

इसके अलावा प्लास्टिक, रबर वेस्ट पर जीएसटी 18 से 5 फीसदी जबकि पेपर वेस्ट पर 12 से 5 फीसदी कर दी गई है। मार्बल और ग्रेनाइट को छोड़कर दूसरे स्टोन, स्टेशनरी, डीजल इंजन के पार्ट्स पर जीएसटी 28 से 18 फीसदी कर दी गई है। ईवेस्ट पर जीएसटी 28 से 5 फीसदी कर दी गई है। सर्विसेज में जरी के काम और आर्टिफिशल जूलरी पर जीएसटी 12 से 5 फीसदी कर दी गई है।

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