विधायक नजरधने की अध्यक्षता में संपन्न हुआ उत्सव
उमरखेड (यवतमाल)। दुनिया में भारत समेत नौ राष्ट्र में मानवतावादी विचार प्रचारक संत शिरोमणी गुरु रविदास महाराज की जयंती उत्सव उमरखेड में संपन्न हुआ. पाक्षिक रविदास मित्र वृत्त परिवार, गुरु रविदास नवयुवक मंडल (स्थापना 1990), संत रोहिदास महिला बचत गट, राष्ट्रीय चर्मकार महासंघ उमरखेड की ओर से उत्सव समिति द्वारा भव्य और दिव्य स्वरूप में गुरु रविदास महाराज जयंती उत्सव मनाया गया.
गुरु रविदास महाराज जयंती उत्सव समारोह कार्यक्रम उमरखेड के गुरु रविदास महाराज मंदिर में मूर्ती और पालखी की पूजा पूर्व नगरसेवक परसरामजी गायकवाड़, गोपालभाऊ अग्रवाल, राजू कवाने, पुर्व सैनिक शंकर इटकरे, डा. विनायक इंगले, युवा अध्यक्ष गजानन खंडारे, गजानन येलुतवाड, सिताराम वाघमारे, सुनील वानखेडे, दत्ता गंगासागर, विजय सोनटक्के, दीपक शिपने, मधुकर सुर्यवंशी के हांतो हुआ. यहां के चर्मकार वाङा में गुरु रविदास नगर नामकरण फलक का अनावरण कांग्रेस युवा कार्यकर्ता गोपाल अग्रवाल के हांथों राजु कवाने, शांताराम धगे, कैलास इटकरे, मधुकर सुरवंशी, पुण्डलिक इटकरे के उपस्थिती में संपन्न हुआ.
शहर के प्रमुख मार्ग से गुरु रविदास महाराज मुर्ती की पालखी रैली नाग चौक, संजय गांधी चौक, ढाणकी मार्ग, बालकदास मंदिर नजदीक के रोहिदास मंदिर मार्गस्थ, जगह – जगह भाविक महिला पुरुषों ने पालखी का पुजन करके दर्शन लिया. अंतिम चरण मार्ग पर पुलिस प्रशासन और शासन की ओर से पुलिस अधिकारियों ने और गणेश शिंदे बारा बलुतेदार तालुका अध्यक्ष ने पूजा की. दोपहर 1 बजे तिवड़ी मार्ग पर उमरखेड सीमा के गुरु रविदास महाराज परिसर में पालखी प्रवेश करके यहां भव्य मंडप में गुरु रविदास महाराज के 638 वी जयंती समारोहण में गुरु रविदास प्रतिमा और पालखी का पुजन कार्यक्रम के अध्यक्ष विधायक राजेन्द्र नजरधने, बालकदास संस्था के पुजारी, दिगाम्बरगिर महाराज, युसीएन टिव्ही चैनल के निवेदक प्रेम हनवते, दैनिक लोकमत के डा. अविनाश खंडारे, जेष्ठ पत्रकार मजहर टेलर, किसनराव वानखेड़े, कृष्णा पाचकोरे, गणेश शिंदे, दिलीप तिवारी के हांथों कार्यक्रम की शुरुवात हुई.
कार्यक्रम का सूत्र संचालन तुकाराम सूर्यवंशी गुरूजी ने किया. इस दौरान प्रास्ताविक गुरु रविदास महाराज मंदिर का मुख्य प्रवर्तक नारायण इटकरे ने 1990 से किये कार्य की समीक्षा ली गयी. मंदिर स्थल विदर्भ और मराठवाडा परिसर गुरु रविदास महाराज का ज्ञानपीठ बने, परिसर में सभी ने विकास करे और सभी जाती के लिए विविध मंगल प्रसंग कार्यक्रम के लिए मंगल कार्यालय शासन खड़ा करे. ऐसा मार्गदर्शन करते हुए चर्मकार समाज की ओर से अपेक्षा व्यक्त की. इस दौरान किसनराव वानखेड़े, प्रा.डा. विनायकराव इंगले, कृष्णा पाचकोरे, विधायक राजेन्द्र नजरधने अध्यक्षता भाषण में मार्गदर्शन करते हुए चर्मकार समाज ने एकताबद्ध और संघटित होकर समाज के सर्वांगिक विकास के लिए आगे आये और शासन स्तर पर हमेशा साथ खड़े रहे.
कार्यक्रम की सफलता के लिए आत्माराम वानखेडे, विजय सोनटक्के, दिपकराव शिपने, मधुकर सुरवंशी, नामदेव इटकरे, कैलास इटकरे,पंजाब इटकरे, गंगाधर इटकरे, आनंदा इटकरे, सुभाष इटकरे, भीमराव इटकरे, संतोष बाबरे, सीताराम वाघमारे, गजानन वानखेडे, अनिल इटकरे, सुनील इटकरे, दिपक इटकरे, बालाजी वाघमारे, गोरे आदि ने प्रयास किया.