Published On : Sat, Jul 25th, 2020

नागपुर स्टेशन पर लगा हैंड्सफ्री ऑटोमैटिक अल्ट्रावायलेट सैनी टाइजेशन बॉक्स

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नागपुर– मध्य रेलवे के नागपुर मंडल में कोविड – 19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए नागपुर मण्डल में दुर्घटना राहत गाड़ी अजनी द्वारा बनाया गया हैंड्सफ्री आटोमेटिक अल्ट्रावॉयलेट सैनीटाइज़ेशन बॉक्स मंडल रेल प्रबंधक श्री सोमेश कुमार के नेतृत में तथा वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता, श्री अखिलेश चौबे इनके मार्गदर्शन में कोविड – 19 कोरोना की महामारी को रोकथाम के लिए , दुर्घटना राहत गाड़ी अजनी के कर्मठ कर्मचारी, एक आदर्श कोरोना वारियर के तहत इन बीते लॉक-डाउन के दौरान अपनी आपातकालीन सेवा देने के साथ ही साथ कोविड-19 के संसर्ग रोकथाम हेतु कुछ नायाब तथा कारगर इनोवेशन प्रस्तुत किये, जैसे वाटर मिस्ट फायर फाइटिंग सिस्टम का डिसइंफेक्शन के तहत इस्तेमाल, आटोमेटिक हैंइसफ्री वाटर सोप डिस्पेंसर, फूल बॉडी डिसइंफेक्शन टनल, आटोमेटिक हैंड-सैनीटाईजर डिस्पेंसर इत्यादि, उसी कड़ी में प्रस्तुत कर रहे है हैंड्सफ्री आटोमेटिक अल्ट्रावॉयलेट सैनीटाईजेशन बॉक्स।

यह एक ऐसा उपकरण है, जिससे हम उन सभी चीजोंको डिसइन्फेक्ट कर सकते है जिन्हे अमूमन निर्जतूकीरण करना मुश्किल होता है, जैसे मास्क, हैंड-ग्लोज, सेफ्टी शूज़, हेलमेंट, जैकेट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लैपटॉप, स्मार्टफोन, गैजेट,ऑफिस फाइल फोल्डर जरुरी कागजाद, करन्सी, वॉलेट, बैगेज तथा फल, सब्जी और अनाज इत्यादि मतलब पका हुवा खाना या द्रवरूप चीज छोड़कर हरेक वस्तु जो धातु, पॉलिमर, प्लास्टिक, फैब्रिक, लेदर या अन्य किसी भी मटेरियल से बनी हुई है। जैसा हम सभी को भली भाँति ज्ञात है की, कोवीड-19 वैश्विक महामारी के गंभीर संकट से पूरा विश्व लड़ रहा है। इसके संसर्ग की रोकथाम हेतु दुर्घटना राहत गाड़ी (ए.आर.टी) टीम अजनी द्वारा, प्रस्तुत कर रही है, उपकरण जो टाइप ‘सी’ वाले अतिनिल किरण के सिद्धांत पे कार्य करता है, टाइप ‘सी’ वाले अतिनिल (अल्ट्रा-वायलेट) किरणे, वे खास प्रकाश किरणे होती है, जिनकी वेवलेंथ तक़रीबन 254 नैनोमीटर या कहे 2537अगस्टोर्म, फ्रीक्वेंसी 1183.5 टेरा हाईज़ तथा एनर्जी इन्टेन्सिटी 250 मिली जूल्स प्रति वर्ग सेंटीमीटर जो सभी तरह के बक्टेरिया, वायरस, मोल्ड तथा सभी तरह के माइक्रो ऑर्गनिज़म को कुछ ही पलो में 99.99 प्रतिशत तक नष्ट करने का सामर्थ्य रखता है।

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इस उपकरण को मुखतः बेकार पड़ी चीजों से तथा दूसरे विभागों द्वारा उपलब्ध सामान निर्मित किया गया,
यह मुखतः लकड़ी का अनुपयोगी संदूक था जिसे कैबिनेट में बदलकर भीतरी सतह पर आइनों का प्रयोग किया जिससे यह अल्ट्रा वॉइलेट किरणे समान रूप से परिवर्तीत होकर उपयुक्त इनर्जी प्रदान कर सके । इसमें पोलैंड में निर्मित फिलिप्स जर्मीसाइड UV-C 11वाट की दो ट्यूबका प्रयोग किया गया है, साथ ही हैंड्सफ्री सेंसर, 60 सेकंड का इलेक्ट्रॉनिक प्रीसेट टाइमर, ऑटो कट ऑफ स्विच, बज़र तथा सुरक्षितता हेतु लिमिट स्विच का प्रयोग किया गया है। मेकैनिकल टाइमर को भी विकल्प के रूप में जोड़ा गया है, ये आटोमेटिक या मैन्युअल दोनों भी मोड में कार्य कर सकता है।

हैंड्सफ्र आटोमेटिक अल्ट्रावॉयलेट सैनीटाईजेशन बॉक्स इस्तेमाल के बारे मे विस्तृत जानकारी निम्न प्रकार है l

• इसके प्रत्येक इस्तेमाल के पहले स्ययं के हाथों को इस उपकरण पर लगे हैंड-सैनीटाईज़र से निर्जतूकीरण करना जरुरी है l

• सभी चीजोंको इसमें रखे ट्रे में इस तरह से रखे, की सभी चीजे UV लाइट से समान रूपसे प्रकाशित हो,
• इसके ढक्कन को बंद करने के उपरांत इस उपकरण को 230 वोल्ट के विद्युत स्त्रोत से जोड़े • हाथों को इस से प्रोक्सिमिटी सेंसर के पास लाने से शुरू हो जायेगा, इसका
प्रमाण इंडिकेटर के प्रज्वलित होनेद्वारा मिलता है, 60 सेकंड के बाद ये अपने आप बंद हो जायेगा, इंडिकेटर बंद होगा साथ ही साथ बझर बजेगा । इस दौरान गलती से अगर ढक्कन खोला जाय तो सेफ्टी लिमिट स्विच कार्यान्वित हो कर UV लाइट बंद कर देगा और हमें UV लाइट के दुष्प्रभाव से रक्षा करेगा l सैनीटाईजेशन के प्रक्रिया के बाद वे सभी चीजे सुरक्षित इस्तेमाल योग्य मिलेगी।

यह उपकरण दुर्घटना राहत गाड़ी (ए.आर.टी) टीम अजनी ने मात्र 1800/- रुपये की लागत से बनाया जिसका मार्किट मूल्य तक़रीबन 35,000/- से अधिक है, लेकिन इस करोना काल में उपयोगिता अनमोल साबित होगी l

हैंड्सफ्री आटोमेटिक अल्ट्रावॉयलेट सैनीटाईजेशन बॉक्स को बनाने में’ अजिंक्य राजपुत,(वरिष्ठ अनुभाग अभियंता, ( दु. रा. गा. अजनी) मुकेश मंडल, सी टेक्नीशियन(दु. रा. गा.) अजनी सुनील भादे, असिस्टेंट( दु. रा. गा. अजनी) गणेश रामदीन, सी टेक्नीशियन (दु. रा. गा. अजनी) नीलेश कुमार, असिस्टेंट दु. रा. गा. अजनी) इनका विशेष योगदान रहा

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