कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे चीन में हंता वायरस से हुई मौत के बाद वहां के लोगों में डर का माहौल है। पहले से ही कोरोना से चीन में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और इस बीच इस हंता वायरस से वहां के यूनान प्रांत में एक व्यक्ति की मौत के बाद लोगों को इसके महामारी बनने का डर सता रहा है। दरअसल, हंता वायरस से पीड़ित व्यक्ति काम कर शाडोंग प्रांत से बस से घर लौट रहा था। उसे हंता वायरस पॉजिटिव पाया गया था।
उसकी मौत होने के बाद बस में सवार अन्य 32 लोगों की भी मेडिकल जांच की गई है। तो क्या हंता वायरस भी कोरोना वायरस की तरह खतरनाक वायरस है, क्या यह भी बड़े स्तर पर फैल सकता है?
आइए जानते हैं हंता वायरस के बारे में विस्तार से:
हंता वायरस से व्यक्ति की मौत के बाद चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा इस घटना की जानकारी दी गई। इसके सोशल मीडिया पर इस वायरस को लेकर डिबेट शुरू हो गई है। ट्विटर पर लोग बड़ी संख्या में इस खबर को ट्वीट कर आशंका जता रहे हैं कि यह वायरस भी कहीं कोरोना की तरह दुनियाभर में न फैल जाए! सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि चीन के लोगों ने अगर जिंदा जानवरों को खाना बंद नहीं किया तो ऐसे वायरस पैदा होते रहेंगे। कोई कह रहा कि यह वायरस चूहे खाने से फैला है तो कोई कह रहा चमगादड़ या सांप खाने से।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि हंता वायरस, कोरोना वायरस की तरह घातक नहीं है। एक अंग्रेजी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार हंता वायरस हवा के रास्ते नहीं फैलता है, बल्कि यह व्यक्ति के चूहे या गिलहरी के संपर्क में इंसान के आने से फैलता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक चूहों के घर के अंदर और बाहर करने से हंता वायरस के संक्रमण का खतरा होता है। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति है और वह हंता वायरस के संपर्क में आता है तो उसके संक्रमित होने का भी खतरा रहता है।
यह भी बताया जा रहा है कि हंता वायरस का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है। ऐसे में इसके फैलने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति चूहों के मल, पेशाब के संपर्क में आने के बाद उन्हीं हाथों से अपना चेहरा, आंख, नाक या मुंह छूता है तो हंता वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
इसके लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है कि हंता वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, पेट में दर्द, उल्टी, डायरिया आदि हो सकता है। इन लक्षणों के इलाज में देरी होने की स्थिति में संक्रमित व्यक्ति के फेफड़े में पानी भी भर सकता है और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। चीन में व्यक्ति की मौत भी कुछ ऐसे ही लक्षणों के बाद हुई।
सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक हंता वायरस भी जानलेवा है। इससे संक्रमित हो जाने पर लोगों की मौत का आंकड़ा 38 फीसदी है। यानी हंता वायरस से संक्रमित होने वाले 100 लोगों में से 38 लोगों की मौत होने की संभावना रहती है।