नागपुर: मनपा प्रशासन ने शहर बस संचालक वंश नियम इंफ्रास्टक्चर को भले ही मात्र १३२ करोड़ रुपए के भरपाई का नोटिस थमाया हो लेकिन पूर्व नगरसेवक रहे रमन पैगवार ने मनपा प्रशासन की नियत पर सवाल खड़ा करते हुए उक्त ठेकेदार पर लगभग ३०० करोड़ रुपए का बकाया होने का गंभीर आरोप लगाया है। केवल यही नहीं पैगवार ने मनपा पर ठेकेदार को बचाने का भी आरोप जड़ डाला। इस संदर्भ में कल पैगवार के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल विभागीय आयुक्त से मिला और उक्त मामले को लेकर चर्चा की। विभागीय आयुक्त ने शिष्टमंडल को जानकारी दी कि उक्त मामले के जांच के सन्दर्भ में महाराष्ट्र शासन ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि वे निर्धारित समय से पहले निष्पक्ष जांच कराएंगे। साथ ही जांच में दोषी पाए जाने वाले से बकाया रकम की वसूली एवं कानून में प्रावधान सजा की सिफारिश भी करूंगा।
पैगवार के अनुसार मनपा ने शहर बस परिवहन का संचालन का जिम्मा वंश नियम इंफ्राप्रॉजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा था.ठेकेदार से मनपा ने ९ फरवरी २००७ में करारनामा किया था। जिसकी मंजूरी मनपा सदन से भी ली गई थी। तब सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी। ३मार्च २०१० में उक्त करारनामा रद्द किए बिना पूरक करारनामा किया गया। इस पूरक करारनामा की मनपा सदन की मंजूरी नहीं ली गई थी। इसी पूरक करारनामें में सभी धाराएं बदल दी गई। मूल करारनामे में नागपुर की जनता को अच्छी सेवा नाममात्र शुल्क में देने के लिए नाममात्र की रॉयल्टी ठेकेदार से मनपा को लेने के प्रावधान थे। किन्तु पूरक करारनामे में मूल करारनामे के प्रत्येक नियमों को बदलकर इस तरीके से गढ़ा गया कि वंश नियम इंफ्राप्रॉजेक्ट्स लिमिटेड को जालसाजी करने का अवसर मिल जाए।
पैगवार ने जानकारी दी कि जब वे नगरसेवक थे तब उन्होंने सभागृह में पूरक करारनामे में ४० करोड़ के भ्रस्टाचार का आरोप लगाया था। सभागृह में मौजूद सभी विपक्षी नागरसेवकों के साथ तत्कालीन विपक्ष नेता विकास ठाकरे ने इस प्रकरण की जांच करवाने की मांग की थी। विपक्ष नेता ने पहले निर्णय फिर सभागृह में चर्चा की मांग तत्कालीन महापौर अनिल सोले से की थी। तब सोले ने जांच के बाद ठेकेदार से बस सेवा वापिस लेने का आश्वासन भी दिया था। तत्कालीन प्रशासन व सत्तापक्ष ने घोटाले की जांच की और न ही पूरक करारनामे से हुए नुकसान का विश्लेषण किया। वही एक बस ऑपरेटर की ओर से उच्च न्यायलय में शहर बस संचालन सम्बंधी निविदा प्रक्रिया मामले के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। तब न्यायलय ने उक्त याचिका की तकनीकी खामियों का उदहारण देकर उसे निरस्त कर दिया था। इसके तुरंत बाद तत्कालीन महापौर सोले ने उच्च न्यायलय के आदेश के आधार पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप से वंश नियम इंफ्राप्रॉजेक्ट्स लिमिटेड को राहत प्रदान की थी।
पैगवार के नेतृत्व में आज एक शिष्टमंडल ने विभागीय आयुक्त से मुलाकात की और जांच में पूरा सहयोग का आश्वासन दिया।पैगवार ने उनके पास संकलित सबूतों को भी देने का आश्वासन दिया।और मांग की कि दोषी अधिकारियों व पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दोषि पाए जाने पर उन पर क़ानूनी व आपराधिक मामला दर्ज कर नुकसान भरपाई की जाए।