Published On : Sat, Jan 28th, 2023
By Nagpur Today Nagpur News

PM से लोकार्पण के पूर्व विवादों में फुटाला फाउंटेन, HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

फरवरी में पीएम के हाथों लोकार्पण करने की प्रन्यास द्वारा योजना बनाई गई. अब लोकार्पण के पूर्व यह विवादों में घिरता जा रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फुटाला फाउंटेनटे और शो दिखाने के लिए निर्मितर्मि की गई दर्शक दीर्घा को लेकर हाई कोर्ट में स्वच्छ एसोसिएशन ने जनहित याचिका दायर की . यहां तक कि न्यायाधीश अतुलचां दूरदूकर और न्यायाधीश वृषाली जोशी ने राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की अधि . एसएरा जशिर्के और राज्य सरकार की अति . सरकारी वकील आनंद फुलझेलेने पैरवी की .

नहीं हो पाई मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई

Gold Rate
Saturday 22 Feb. 2025
Gold 24 KT 86,600 /-
Gold 22 KT 80,500 /-
Silver / Kg 97,200 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उनकी संस्था विशेष रूप से पर्यावरणीय मामलों से संबंधित विषयों पर काम करती है. फुटाला तालाब में लगे म्यूजिकल फाउंटेन और यहां निर्मितर्मि की गई दर्शक दीर्घा को अवैध करार देने के लिए मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी किंतु मुंबई हाईक र्ट ने अदालतों के प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया गया . यही कारण है कि अब नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है.

नेशनल वेटलैंड में शामिल है फुटाला

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने सुनवाई के दौरान बता या कि नेशनल वेटलैंड इन्वेंटरी एंड असेसमेंट में फुटाला तालाब शामिल किया हुआ है. वेटलैंड के संदर्भ में 14 अक्टूबर 2013 को एक जनहित याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला दि या गया है जिसके अनुसार केंद्र सरकार की ओर से चिन्हांकित की गई वेटलैंड पर कि सी तरह का नर् ण आदि नहीं कि या जा सकता है. इन निर्देशों के अलावा 25 जुलाई 2016 को पुन: निर्देश जारी किएजा चुके हैं. इसके उपरांत सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष अनुमति याचिका 230/2001 में 4 अक्टूबर 2017 को ऐसे ही मामले में आदेश जारी किए हैं.

8 मार्च 2022 को वन और पर्यावरण मंत्रालय ने वेटलैंड को संरक्षित करने की दिशा में निर्देश जारी किए हैं. 17 मई 2022 को इस संदर्भ में वेटलैंड संरक्षण प्राधिकरण को ज्ञापन दिया गया था . लेकिन इस पर संज्ञान नहीं लि या गया . इससे मजबूरन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा ना पड़ा है. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी कि या .

Advertisement