नागरिकों ने की लोककर्म विभाग, विधायक निवास प्रमुख और पुलिस आयुक्त से अवैध मार्ग बंद करने की मांग
नागपुर: सिविल लाइंस स्थित विधायक निवास इन दिनों सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम न होने से चोरों के निशाने पर है. ऐसे में लोककर्म विभाग प्रमुख के साथ परिसर के रख-रखाव के जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी चोरों के हौसले बुलंद कर रहे हैं. चोरों की इस सीनाज़ोरी से विधायक निवास के आस के रिहायशी इलाकों के लोग सक्ते में आ गए हैं.
इस परिसर में आवाजाही के लिए २ मार्ग ही मंजूर मूल नक़्शे में हैं, लेकिन वर्ष १९७८ के आसपास पाटने नामक ठेकेदार ने इस ‘आमदार निवास’ की रंगाई-पुताई का ठेका लिया और उसी यह उक्त अवैध द्वार बनवाया. क्यूंकि इस अवैध गेट के बाहर ही उसका मकान था. इसी मकान में वह पूरी सामग्री रखता था. मकान से परिसर में आवाजाही के लिए लगभग १ किलोमीटर का फेरा लगाना पड़ता था. इसलिए तब के लोककर्म विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को विश्वास में लेकर पाटने यह अवैध मार्ग बनाने में कामयाब हो गया.
लेकिन समय बीतता गया और परिसर सुरक्षा की दृष्टि से असुरक्षित होता चला गया.यहां वर्ष भर में शीतकालीन अधिवेशन के वक्त सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम होते हैं. इस दौरान यह अवैध मार्ग टिन/टेंट से बंद कर दिया जाता है. अधिवेशन समाप्ति के बाद पुनः परिसर लावारिस हो जाता है.
इस परिसर में आए दिन चोरियां आम बात हो चुकी है. चोरी की सामग्री को बाहर ले जाने के लिए उक्त अवैध मार्ग का उपयोग कभी दिन-दहाड़े तो कभी देर रात में किया जाता है. यह भी तय है कि उक्त चोरियों में परिसर में रहने वालों का भी हाथ होने की शंका जाहिर की गई. चोरी की सामग्री बाहर ले जाने के लिए आने वाले वाहन उक्त अवैध गेट के बाहर खड़ी की जाती है और सामग्री भर बाहर ही बाहर रवाना कर दिया जाता है.
गेट के बहार आम नागरिकों की वसाहते हैं. इनमें आपसी फूट की वजह से अवैध गेट आज तक शुरू है. दूसरी ओर अवैध गेट के बाहर रहने वाले जागरुक रहवासियों ने अपने घर, वाहन आदि की सुरक्षा के लिए ‘सीसीटीवी कैमरे’ लगाए हैं. इस अवैध मार्ग से प्रियदर्शनी कॉलोनी, आरटीओ होते हुए आसानी से अमरावती मार्ग तक मिनटों में पहुंचा जा सकता है.