नागपुर: शहर के तीन भागों में राज्य सरकार ने बिजली आपूर्ति करने की जिम्मेदारी एसएनडीएल कंपनी को दी थी. 2011 में कंपनी को टेंडर दिया गया था. कंपनी ने शहर में काम शुरू किया. लेकिन शुरुआत से ही इस कंपनी की कार्यप्रणाली से शहर के नागरिक त्रस्त होने लगे. ऐसे ही एसएनडीएल पीड़ित प्रभाकर नवखरे जो मानेवाड़ा का बेसा रोड निवासी है. नवखरे ने आरटीआई के तहत एसएनडीएल कंपनी से मीटर जांचने वाली कंपनी का कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट मंगाया था. आरटीआई के आधार पर कंपनी ने नवखरे को हॉंगकॉंग की कंपनी हॉंगकॉंग सॉन्ग यांग इंडस्ट्रियल लिमिटेड का कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट भेजा है. जिसमें न तो एक्यूचेक मीटर के बारे में कोई जानकारी दी गई है और नाही मीटर से समबन्धित ही कोई जानकारी है. जिसमें हस्ताक्षर में चीनी भाषा में किए गए है.
इस सर्टिफिकेट को लेकर प्रभाकर नवखरे जो पेशे से खुद इंजीनियर है का कहना है कि यह सर्टिफिकेट पूरी तरह से जाली है. क्योंकि किसी भी कंपनी का सर्टिफिकेट जब भारत में किसी भी नागरिक को भेजा जाता है तो उस पर कस्टम, एक्साइज जैसे विभागों के अधिकारियों के हस्ताक्षर और उनके द्वारा जांच किए गए दूसरे दस्तावेज भी जुड़े होते हैं. लेकिन इस हांगकांग के सर्टिफिकेट में किसी भी तरह का कोई भी ऐसा दस्तावेज नहीं दिया गया है.
नवखरे ने जानकारी देते हुए बताया कि 2014 में उन्होंने मीटर जांच के लिए उपयोग में लाया जानेवाला एक्यूचेक मीटर के कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आरटीआई भेजा था. जिसके आधार पर एसएनडीएल कंपनी ने नवखरे को 2015 का कैलिब्रेशन का सर्टिफिकेट भेजा था. इस पर नवखरे ने राज्य आयुक्त से शिकायत की थी कि एक्यूचेक मीटर 2015 को जब ख़रीदा गया तो 2014 को कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट कैसे दिया गया. जिसके बाद राज्य आयुक्त ने सही कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट देने के लिए एसएनडीएल को आदेश दिए थे. एसएनडीएल द्वारा यही हांगकांग का सर्टिफिकेट राज्य आयुक्त को भी दिया गया है और नवखरे को भी दिया गया है. नवखरे का कहना है कि यह जाली सर्टिफिकेट उनके साथ ही राज्य आयुक्त को भी दिया गया है. जिससे आम नागरिकों के साथ साथ कंपनी राज्य आयुक्त को भी धोखा दे रही है. उन्होंने बताया कि अगले महीने राज्य आयुक्त से इस मामले को लेकर तारीख मिलनेवाली है. नवखरे का कहना है कि जब सभी व्यवस्था एसएनडीएल के पास है तो हांगकांग से सर्टिफिकेट क्यों दिया जा रहा है.
इस बारे में एसएनडीएल के जनसंपर्क अधिकारी दीपांशु खिरवटकर से कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि हांगकांग की कंपनी ने जो सर्टिफिकेट दिया है वह कैलिब्रेशन सर्टिफिकेट सही है वह फ्रॉड सर्टिफिकेट नहीं है. खिरवटकर ने बताया कि आदेश के बाद ही सर्टिफिकेट दिया गया था. उन्होंने बताया कि एक तरह से नवखरे आदेश की ही नाफरमानी कर रहे हैं.