इरव्हा (टे.)(चंद्रपुर)। नागभीड़ स्थित ग्रामीण अस्पताल परिसर में गाँव के अनेक मरीज उपचारार्थ आते हैं, परंतु यहां सुविधाओं के अभाव होने से मरीज तड़पते रह जाते हैं. इसलिए मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध करने व अन्य आवश्यक माँगों को लेकर मरीज कल्याण समिति के सदस्य भास्कर शिंदे ने ग्रामीम अस्पताल के निकट सोमवार 24 नवम्बर से आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया है. उनके साथ सहयोगी देवेन्द्र गायकवाड़, बालकृष्ण पांडव, मुरलीधर देवाड़े भी डंटे हुए हैं.
शिंदे ने अपने 13 माँगों में क्लास-1 स्वास्थ्य अधीक्षक का पद (पूर्णकालिक) को भरने, एक्स-रे मशीन उपलब्ध कराने, रक्त संकलन केन्द्र प्रारंभ करने, नए शव-विच्छेदन गृह की सुरक्षा दीवार की ऊँचाई बढ़ाने, नवजात शिशु केन्द्र कार्यान्वित करने, 6 महीने से अधूरे पड़े बिजली के उपकरण लगाने, एनसीडी रूम, कार्यालय, आयुष कक्षा का कार्य करने, क्वार्टरों की दुरुस्ती व रंग-रोगन, पाइपलाइन बिछाने, क्लास-2 के एक पद भरने, महिलाओं की जांच के लिए महिला डॉक्टर, कनिष्ठ लिपिक, 2 सफाई कर्मचारी, 2 कक्ष सेवकों के पदों को भरने, 2009 से वित्तीय अनियमितता की जाँच व मुख्य आरोपी की धर-पकड़, जच्चा-बच्चा सुरक्षा कार्यक्रम के लिए एम्बुलेंस चालक व 24 घंटे सेवायुक्त 108 एम्बुलेंस देने, परिसर की देख-रेख व सफाई कर्मी को लेकर आमरण अनशन करने की बात कही गयी है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उच्चाधिकारियों से लिखित आश्वासन नहीं मिलता तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा. अब देखना यह है शासन-प्रशासन समय पर सचेत हो जाता है अथवा इन्हें प्राणों की आहूति देने तक चिरनिद्रा में डूबा रहता है?