नागपुर: सत्ता हमेशा साथ नहीं देती कभी-कभी सताती भी है। इसका अनुभव बीते दिनों नागपुर में युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी के साथ हुआ। जय सहजवानी के ईतवारी में दुकान है आरोप लगा की दुकान का निर्माणकार्य नियम से अनुसार नहीं है। शिकायत मिलने पर नागपुर महानगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता अवैध निर्माणकार्य को तोड़ने पहुँचा। कार्यवाही शुरू ही थी की इसी बीच युवा मोर्चा के शहर महामंत्री जितेंद्र ठाकुर और अध्यक्षा शिवानी दाणी भी पहुँची कार्रवाई रोकने के लिए नेताओं को फ़ोन लगाया गया।
बड़े नेताओं ने फ़ोन नहीं उठाया जिसके बाद वरिष्ठ नगरसेवक दयाशंकर तिवारी और उपमहापौर दीपराज पार्डीकर को फ़ोन लगाया गया। दोनों की अतिक्रमण अधिकारी अशोक पाटिल से बात कराई गई। फ़ोन पर अधिकारी ने मामला सुलझाने का वादा किया। लेकिन युवा मोर्चा पदाधिकारियों के मुताबिक फ़ोन रखते ही अधिकारी बद्तमीजी करने लगा। अनाप-शनाप पैनल्टी भरने को कहाँ, जैसे तैसे मामला सुलझा अधिकारी को पैनल्टी अमाउंट का चेक सौपा गया।
पैनल्टी भरने के बाद मामला तो शांत हो गया लेकिन अपनी ही पार्टी की सत्ता के दौर में अपने ही एक पदाधिकारी की मदत न कर पाने का मलाल पाले जितेंद्र ठाकुर ने सोशल मिडिया में अपनी हताशा व्यक्त की। जो बातें ठाकुर ने फेसबुक पर लिखी उसमे उन्होंने कहाँ उन्हें “भारतीय जनता युवा मोर्चा महामंत्री होने पर शर्म महसूस हो रही है”? वह अपने एक कार्यकर्त्ता को न्याय नहीं दिला पाए। ईतवारी जैसे इलाके में जगह-जगह अतिक्रमण है बावजूद इसके युवा मोर्चा के पदाधिकारी को निशाना बनाया गया। ठाकुर ने अतिक्रमण अधिकारी की कार्रवाई की मंशा पर भी सवाल उठाया है। पार्टी के बड़े नेताओं पर भी जरुरत से समय साथ न देने का आरोप जितेंद्र ठाकुर ने लगाया है।