उत्तर नागपुर से बसपा उम्मीदवार किशोर गजभिये का मानना है कि सुविधाओं की दृष्टि से उत्तर नागपुर को अब भी वंचित रखा गया है। सेवानिवृत्त आईएएस अफसर और पूर्व संभागीय आयुक्त गजभिये ने रविवार सुबह पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर नागपुर इलाके में ना तो बच्चों के लिए कोई खेल मैदान हैं, न मरीज़ों के लिए कोई ढंग का सरकारी अस्पताल और जो है उसमें न तो दवा है, न डॉक्टर। उन्होंने कहा, “ऐसे अस्पताल बस कहने भर को “सुपरस्पेशलटी” हैं।“
गजभिये ने कहा कि इस इलाके में न आईटी पार्क है, न बड़े उद्योग, न अच्छे स्कूल और न ही महाविद्यालय । उन्होंने पूछा, “क्या हमारे नए युवकों का यहां कोई वाली नहीं है?”
उन्होंने कहा, “अगर मुझे लोग उत्तर से चुनते हैं तो मैं उनके प्रश्न सुलझाने में कोई कसर बाकी नहीं छोडूंगा। यहां की सब झोपड़पट्टियां चाहे वह लश्करीबाग़ की हो या बेझनबाग की, कौशल्या नगर, यशोधरा नगर या आदर्श नगर – अभी तक लीज के पट्टे लोगों के नाम पर नहीं हुए हैं, जिससे यहां के गरीब लोगों को कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। मैं इन सभी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करूंगा।”
उनका कहा भूमि पूजा तो बहुत प्रकल्पों की हो जाती है लेकिन पूर्ण एक भी नहीं हो पाता। इसमें उन्होंने पीली नदी का आरटीओ प्लाजा, वैशाली नगर का स्विमिंग पूल, आसी नगर का हज हाउस और नारा का 200 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाला “बुध पार्क” एवं प्रस्तावित गुरु गोविन्द सिंह स्टेडियम का भी उन्होंने इस सिलसिले में उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि नागपुर की सबसे पुरानी इस्टेट है उप्पलवाड़ी की भी बहुत समस्याएं हैं। उन्होंने कहा, “इनके कारण बहुत से कारखाने बंद पड़े हैं, मई में उन्हें वापस शुरू कराने की कोशिश जरूर करूंगा। उल्लेखनीय है गजभिये दलित इंडियन ऑफ़ चैम्बर एंड इंडस्ट्री के सलाहकारों में से एक हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर नागपुर की समस्याएँ अब उन्हें जीने नहीं देती हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब यहां के एमएलए खुद मंत्री भी रह चुके हैं तो यहां के ये हाल क्यों?
उन्होंने कहा, “क्या चीफ मिनिस्टर भी हमारी समस्याओं को अनदेखा करते हैं? जीने वालों का तो छोड़ो, हमें यहां एक अछा श्मशान भी नसीब नहीं है!” उत्तर नागपुर की जनता का डेमोग्राफिक्स देते हुए उन्होंने कहा कि 40 % आंबेडकरवादी लोग हैं। 10 से 12 % मुस्लिम और बाकी अन्य समाज के, जैसे सिख, सिंधी, आदि।”
गजभिये ने विश्वास जताया, “मुझे मेरे दलित बंधु पूर्ण सहयोग दे रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम भाई भी मुझे चुन के लाना चाहते हैं। मैं बहुत महत्वकांशी किस्म का आदमी हूं और जो सोचता हूं वह कर के दिखाता हूं। गरीब घर से था लेकिन इंजीनियर बनने का सपना देखा तो बन गया, फिर क्लास 1 अफसर बना, फिर आईएएस अफसर और फिर कमिश्नर और सेक्रेटरी भी। अब मैं पॉलिटिक्स में आकर लोगों की मदद करना चाहता हूं जो मैं करके रहूंगा।”