Published On : Tue, Dec 25th, 2018

ICICI बैंक अकाउंट से किसान क्रेडिट अकाउंट में दो बार पैसे ट्रांसफर,खाताधारक न तो किसान, न उसका खाता

नागपुर : लाख दावों के बाद और डिजिटल इंडिया की प्रभावी तकनीक के प्रसार के बावजूद तकनीक किसी न किसी के लिए परेशानी का सबब बन जाती है। शहर के एक आयटी प्रोफेशनल प्रसिद्ध कमर्शियल बैंक आयसीआयसीआय की लापरवाहियों की वजह से इन दिनों भारी दिक्कत और मानसिक पीड़ा के दौरे से गुजर रहे है। क्लोविटी आयएनसी नामक कंपनी में बतौर रिक्रूटमेंट मैनेजर कार्यरत अशोक शाहू के बैंक खाते के सेविंग एकाउंट नंबर 259101500945 से बार-बार कई कारणों से पैसे कंट रहे है।

सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि अशोक न तो किसान है, न ही उनके नाम पर कोई खेती और न तो उन्होंने बैंक में उनका कोई किसान क्रेडिट खाता है बावजूद इसके उनके अकाउंट से किसी अन्य अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो रहे है। चार मई 2018 को उनके खाते से 8064 रूपए अन्य किसी खाते में पैसे ट्रांसफर हुए। जिस खाते में पैसे ट्रांसफर किये गए वह अकाउंट बैतूल जिले के मासोद नामक जगह में आयसीआयसीआय बैंक में ही है। विशेष बात यह है कि जिस खाते में पैसे ट्रांसफर हुए उस खाताधारक का नाम भी अशोक शाहू ही है।

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अशोक शाहू भी मूलतः बैतूल जिले के मुलताई के निवासी है उनका खता यही की ब्रांच में था जिसे उन्होंने काफी पहले नागपुर के अकारनगर ब्रांच में ट्रांसफर करा लिया है। चार मई 2018 को उनके खाते से पैसे ट्रांसफर हुए जबकि पांच मई को उनकी ईएमआई थी जो वह नहीं अदा कर पाए। खाते से पैसे अचानक गायब होने के बाद अशोक ने बैंक के कस्टमर सपोर्ट डिपार्मेंट को मेल कर इसकी सूचना दी।

9 मई को की गई शिकायत का जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने 18 मई को फिर एक मेल किया। जिसके बाद उन्हें बैंक से फोन आया और तकनीकी दिक्कत के कारण ऐसा होने की जानकारी देते हुए दो-तीन दिनों में पैसे वापस खाते में आ जाने की जानकारी बैंक द्वारा दी गई। लेकिन अशोक के मुताबिक उन्हें लभगभ एक महीने बाद पैसे वापस हासिल हो सके।

बैक द्वारा एक बार गलती होने की बात मानी जा सकती है लेकिन फिर ऐसी ही गलती 18 दिसंबर 2018 को हुई। उसी अकाउंट पर जो किसी अन्य अशोक शाहू के नाम पर है 25915100063 पर फिर एक बार 3483 रूपए ऑनलाइन ट्रांसफर हो गए। अशोक के मुताबिक उनका किसान क्रेडिट कार्ड का कोई खाता है ही नहीं बावजूद इसके लगातार उनके अकाउंट से पैसे कांटे जा रहे है। जिसे लेकर वह बैंक पर क़ानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है। उन्होंने बताया की आयसीआयसीआय में उनका जो खता है वह सैलरी अकाउंट है जिसके माध्यम से वह रोजाना वित्तीय लेन देन करते है।

18 दिसंबर को ट्रांसफर हुए फंड की वजह से उनका अकाउंट नील हो चुका है और वह भारी दिक्कत में है। बैंक द्वारा उनका आर्थिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। इससे पहले उन्हें बैंक से क्रेडिट कार्ड लेने के लिए फ़ोन आया था। बैंक के इस प्रस्ताव को उन्होंने ठुकरा दिया बावजूद इसके उन्हें क्रेडिट कार्ड जारी कर दिया गया। कार्ड उनके पास पहुँचा नहीं पर वार्षिक चार्ज के नाम पर उनके अकाउंट से 900 रूपए कांट लिए गए। इस बारे में भी उन्होंने शिकायत कि लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीते दिनों उनके अकाउंट से यूएस की किसी वेबसाईट से किये गए किसी ऑर्डर की पेमेंट अचानक हो गया। जबकि किसी वेबसाईट पर पेमेंट करने से पहले मोबाईल पर OTP आता है जो उन्हें प्राप्त ही नहीं हुआ।

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