– सभी को मंत्री बनना है,इसलिए मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार अटका
नागपुर -शिवसेना से बगावत कर भाजपा के साथ सरकार बनाने वाले राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को नै मुसीबत से सामना करना पड़ रहा है. हालांकि सरकार को बने बमुश्किल तीन महीने ही हुए हैं,लेकिन उन्हें अपने साथ आए विधायकों की नाराजगी से गुजरना पड़ रहा है. इसलिए वे दोबारा कैबिनेट का विस्तार नहीं कर पाएंगे ?
ऐसे में चर्चा है कि मंत्री पद नहीं मिलने पर कुछ विधायक उद्धव ठाकरे समूह के साथ जा सकते हैं.अगर ऐसा होता है तो एकनाथ शिंदे के लिए काफी मुश्किल होगी।अगर चार विधायक भी चले गए तो खेल योजना बिगड़ जाएगी !
दरअसल,शिवसेना के ज्यादातर बागी विधायक खुद को एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं और इसी ने समस्या पैदा की है.एक असली शिवसेना और फर्जी शिवसेना विवाद भी है,जो सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है।
विद्रोह करने वाले कुछ विधायक उद्धव ठाकरे के समूह में फिर से शामिल हो जाएंगे जबकि एकनाथ शिंदे के समूह को दलबदल विरोधी कानून के खतरे का सामना करना पड़ेगा। जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के खिलाफ बगावत की और सरकार बनाई तो उन्हें 40 विधायकों का समर्थन मिला। शिवसेना के पास कुल 54 विधायक हैं। ऐसे में दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए कम से कम 37 की जरूरत है,ऐसे में अगर 4 बागी विधायक भी अलग हो जाते हैं तो यह संख्या घटकर 36 रह जाएगी और डर है कि दलबदल कानून लागू हो जाएगा. चूंकि यह एकनाथ शिंदे की समस्या है, इसलिए वह विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
फैसला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में लंबित
शिंदे समूह के एक सदस्य ने कहा, ‘फिलहाल पूरा विवाद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके अलावा दोनों पक्षों की याचिका भी चुनाव आयोग के समक्ष लंबित है। लेकिन ऐसे में अगर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाता है और जिन नेताओं को मंत्री पद नहीं मिला है, वे उद्धव समूह में चले जाते हैं, तो असली शिवसेना पर दावे का आधार कमजोर हो जाएगा। पहले कैबिनेट विस्तार में एकनाथ शिंदे समूह के 40 में से केवल 9 विधायक ही मंत्री बने हैं। ऐसे में बाकी लोग शिवसेना के खिलाफ बगावत कर जो मिला उससे असंतुष्ट हैं.इसके अलावा एक तरफ शिवसेना से बगावत के कारण चुनाव हार सकते हैं और दूसरी तरफ बगावत के बावजूद मंत्री पद का लाभ नहीं मिलने पर कुछ विधायक घर लौट सकते हैं.
उल्लेखनीय यह है कि शिंदे-फडणवीस सरकार अब अधिकतम 23 लोगों को मंत्री बना सकती है,जिसमें एकनाथ शिंदे सहित शेष सभी 31 विधायक मंत्री पद की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा भाजपा को भी एक बड़ा हिस्सा अपने पास रखना है. ऐसे में विधायकों को कैसे मनाया जाए, वहीं पार्टी के कुछ विधायकों की नजर मंत्री पद पर भी है, यह एकनाथ शिंदे के लिए चिंता का विषय है. दरअसल भाजपा की नजर दूसरे कैबिनेट विस्तार पर भी है और उसके पास विधायकों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में उन्हें और मंत्री पद चाहिए।