Published On : Tue, Jul 13th, 2021

‘बालू नीति’ का पालन नहीं किया तो जनप्रतिनिधि आगबबूला

Advertisement

– सम्बंधित मंत्री का ध्यानाकर्षण करवाएंगे

नागपुर : पिछले 2 साल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा रेती उत्खनन को अनुमति नहीं दी थी,कारण गैरकानूनी ढंग से उत्खनन के कारण पर्यावरण नुकसान,नदी का जल स्तर घटते जा रहा था साथ ही अवैध उत्खनन से राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा था.इस वर्ष रेत माफिया सह इस व्यवसाय से जुड़े सफेदपोश की ‘जुगाड़ टेक्नोलॉजी’ के कारण रेत घाटों की निलामी हुई.इसके नियमानुसार संचलन के लिए ‘बालू नीति’ का इस्तेमाल करने की कड़क निर्देश दी गई थी लेकिन प्रशासन द्वारा ही इसका खिलवाड़ किया गया.इससे खनिकर्म महामंडल प्रमुख व रामटेक के विधायक जल्द ही सम्बंधित मंत्री/जिलाधिकारी का ध्यानाकर्षण करवा कर ठोस कार्रवाई की मांग करेंगे,ऐसी जानकारी मिली हैं.इस विधायक द्वारा ‘बालू नीति’ के तहत की जाने वाली कार्रवाई आदि की मांग की जाएगी। उक्त ग़ैरकृत में तत्कालीन जिलाधिकारी,अतिरिक्त जिलाधिकारी,जिला खनन अधिकारी,उपविभागीय अधिकारी,तहसीलदार,RTO,यातायात पुलिस व LCB की अहम् भूमिका रही.उक्त मामले को लेकर उक्त विधायक जिले की नई जिलाधिकारी विमला आर. से भी मुलाकात कर सकते हैं.

Advertisement
Today's Rate
Sat 21 Dec. 2024
Gold 24 KT 76,400/-
Gold 22 KT 71,100/-
Silver / Kg 88,000/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जिला प्रशासन के खिलाफ जल्द जनहित याचिका होगी दायर
नागपुर जिले में जिला प्रशासन द्वारा रेत घाटों की निलामी,उत्खनन का कार्यादेश देने,रॉयल्टी आवंटन और बालू नीति का शब्द सह पालन न किये जाने के खिलाफ जल्द ही एक जागरूक नागरिक द्वारा जनहित याचिका दायर की जाने की खबर मिली हैं.इस सम्बन्ध में नियमित जिला प्रशासन से शिकायतें भी की गई लेकिन उन्होंने अवैध रेत माफिया और उनके आका को सहयोग करती रही.

उल्लेखनीय यह हैं कि आज भी जिले के सभी घाटों पर 3-4-5 पोकलेन मशीनों आदि से अवैध रेत उत्खनन 24 घंटे शुरू हैं.स्थानीय पटवारी,राजस्व निरीक्षक,तहसीलदार और उपविभागीय अधिकारी खुलेआम संरक्षण दे रहे.इसके अलावा स्थानीय,यातायात पुलिस,हाईवे पुलिस,RTO आँख मूंद अपनी जेब गर्म कर रही.

आलम यह हैं कि अमूमन सभी रेत घाट संचालकों की लागत वसूल हो चुकी हैं,ऐसा ही रहा तो दोगुणा लाभ कमा लेंगे,दूसरी ओर पर्यावरण सह नदी को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

क्या उक्त मामलों को नागपुर जिले की नई जिलाधिकारी विमला आर. गंभीरता से लेने के लिए जनप्रतिनिधियों से पंगा लेंगी ?

खनिकर्म महामंडल के आरक्षित रेत घाटों का मामला ठंडे बस्ते में
चंद्रपुर जिले में खनिकर्म महामंडल ने 4 रेत घाट अपने कोटे से आवंटन किया था,महामंडल के पदाधिकारी सह रेत घाट संचालक ने सभी नियमों को ताक पर रख जम कर अवैध दोहन किया।जिसकी शिकायत राजस्व मंत्री से की गई थी,मंत्री ने नागपुर विभागीय आयुक्त से जाँच करवाने का निर्देश दिया था,जो फ़िलहाल ठंडे बस्ते में हैं,अर्थात जिस ग़ैरकृत में सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधि शामिल हो,वैसे मामलों की जाँच ठन्डे बस्ते में डाल दिया जाता हैं,यही परंपरा सरकारी कोष को नुकसान पहुंचा रही.

Advertisement