– राजस्व, पुलिस, परिवहन, खनन एवं पर्यावरण विभाग ने साधी चुप्पी
नागपुर – नागपुर जिले में अवैध खनन चल रहा है. मौदा तहसील के कोंदामेंढी में, मुरुम की रात में बेरोकटोक खनन की जा रहा है। राजस्व, पुलिस, परिवहन, खनन एवं पर्यावरण विभाग इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, इसलिए चोरी के मामले को गुप्त रखा जा रहा है.
इस इलाके में पिछले एक हफ्ते से रात में खनन और ओवरलोड परिवहन शुरू है। इस संबंध में राजस्व विभाग के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। मुरुम की चोरी पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन ने करगांव रिठी में राजस्व एवं पुलिस विभाग का लघु खनिज यातायात जांच चौकी स्थापित की है. लेकिन यह चौकी मूक प्रदर्शन कर रही है।
प्राप्त जानकारी के हिसाब से मुरुम की खुदाई जेसीबी से की जा रही है और इसे ट्रैक्टरों की मदद से ले जाया जा रहा है। रातों-रात 500 से 600 ब्रास के मुरुमों की चोरी हो रही है. इसमें सरकार के राजस्व और परिसर को पर्यावरण का नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही सड़क पर ओवरलोड परिवहन से सड़क की स्थिति दुर्घटना को आमंत्रण दे रही है। स्थानीय नेता मंडली सिर्फ अपनी जेब का ध्यान रख आंदोलन सह विरोध प्रदर्शन कर रहे.
चोरी का मुरुम और दाम महंगे
मुरुम का उपयोग रोड थ्रेसिंग और साइडिंग के लिए घर निर्माण गली/संकरी रोड थ्रेसिंग के साथ-साथ भरने के लिए किया जाता है। चार से पांच सौ रुपये में एक ट्रॉली मुरुम मिल जाती थी। लेकिन अब उसी मुरुम की कीमत एक हजार से बढ़कर बारह सौ रुपए हो गई है। माफिया से चुराए गए मुरुम को भी अच्छी कीमत मिल रही है। मुरुम की कीमत भी बढ़ गई है क्योंकि राजस्व, पुलिस और सम्बंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनका हिस्सा दिया जाता हैं.
उक्त मामले को लेकर जल्द ही एमओडीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश दयावान राज्य के उपमुख्यमंत्री से मुलाकात कर संबंधितों पर कार्रवाई की मांग करेंगे।