नागपुर: सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग सदर तथा पी डब्ल्यू डी सिविल लाईन परिसर इन दिनों रात के समय अवैध पार्किंग जिस्मफरोशी व शराबियों का पनाहगाह बनकर रह गया है।बताया जाता है कि यहां सदर गड्डीगोदाम रोड के दोनो तरफ टू पहिया और चार पहिया वाहनों की ओवर आयलिंग-मरम्मत का कारोबार सुबह 8 से रात 11-12 बजे तक शुरु रहता है। उसी प्रकार सदर चौंक मे हल्दीराम मार्केट से मोतीमहल तक बाजार मे आनेवाले वहुत से ग्राहक व व्यापारी यहां पी डब्ल्यू डी परिसर के पार्किंग मे अपने वाहन रखकर बाजार करते है।हालांकि यह परिसर पी डब्ल्यू डी के अधिकारियों,कर्मियों और इस विभाग के ठेकेदारों के वाहनो के लिये आरक्षित है।
परंतु देखा गया है कि यहां पर पी डब्ल्यू डी के अधिकारियों कर्मियों और ठेकेदारों के वाहन कम और अन्य लोगों के वाहन अधिक पाये जा सकते है। व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक यहां रात भर शहर की नकाबपोश बेरोजगार वेश्याएं और मजनूँ किस्म के शराबियों का हुजूम लगा रहता है,सूत्रों के मुताबिक यहां पी डब्ल्यू डी आफिस मे कार्यरत उपविभागीय अभियंताओं एवं उनके अधीनस्थ जूनियर ईजिनियरों के करीबी और चहेते ठेकेदारों के मजनू कार्यकरता रात के समय किराये की नकाबपोश महिलाओं को साथ लेकर यहां चोरी छिपे रंगेलियां मनाते पकडा जा सकता है। बताया जाता है कि सदर पी डब्ल्यू डी परिसर में स्थित भंडार विभाग के आजू-बाजू खाली पडे रूम और शैडों मे रात के समय यह धंधा बडे जोरों से फल फूल रहा है। बताते है कि यहां पर कार्यरत गेट कीपर पहरेदारों को 10–20 रुपये थमा दो और जवान तथा अधेड किस्म के नकाबपोश वैश्याएं एवं-मजनुओं का गिरोह पकडा जा सकता है सबसे अधिक शराब और अय्यासी का धंधा शनिवार, रविवार तथा राष्ट्रीय अवकाश के दिन की रात के समय चलता है।
वैसे यहां पी डब्ल्यू डी के उपविभागीय अभियंता क्रं.3 और 4 के कनिष्ठ अभियंता कार्यालय के खाली पडे कक्ष की छप्पर तथा नकली चाबी के माध्यम से आफिस के अंदर यह गैरकानूनी कारनामा चोरी छिपे चलता है ,इतना ही नहीं कुछ मनचले शौकीन युवक बाहर होटल व ढाबों से चिकन-मटन के टिफिन लाते है। देशी -विदेशी शराब की दुकान तो पी डब्ल्यू डी परिसर के बाजू रोड मे ही उपलब्ध है। यहां मनचले युवक-युवतियों के जोड़े बेरोक-टोक आते-जाते रहते है और रात में रंगेलियां मनाते है यह बदनाम कुकृत्य छुट्टियों के दिन की रात के समय देखा और पकडा जा सकता है ?
विगत सप्ताह एक ठेका सफाई कर्मि ने अपना नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर पता या था कि साहेब यहां पर जिस्मफरोशी के लिये उपयोग किये गये निकृष्ट कंडोम के टुकडे बिखरे पडे रहते है इससे पता चलता है कि यहां दाल मे कुछ ज़्यादा ही काला चलता रहता है। हालांकि यह पी डब्ल्यू डी आफिस और परिसर मे दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक आवश्यक कामों से अनेक पत्रकारों का आना जाना शुरु रहता है,बावजूद भी यहां रात के समय शराब और जिस्मफरोशी का धंधा आज तक किसी भनक तक नही हो पायी है।हालांकि यहां इस मामले मे लोकनिर्माण विभाग के कोई अधिकारी अभियंता का कोई सरोकार नही रहता।परंतु “मजदूर सहकारी संस्था” के माध्यम से पी डब्ल्यू डी मे कार्यरत एक बदनाम शराबी ठेकेदार इस धंधा मे लिप्त होने की चर्चा जोरों पर शुरु है।
क्योंकि इस विभाग के अधिकारियों-अभियंताओं के लिये तो शहर एवं ग्रामीण विभाग में अनेक विश्रामगृह मौजूद है,वहां जब चाहें तब वे अपनी चहेती हाय-फाय प्रेमिकाओं की इच्छाओं के अनुकूल मौज मस्ती और ऐसो आराम करने के अनेक मामले प्रकाश मे आते रहते है।परंतु राज्य शासन के आलीशान इमारत,मंत्रालय,भवन-सडक व राज्य शासन के सभी कार्यालय निर्माता प्रतिभाशाली विभाग”लोकनिर्माण विभाग” के परिसर मे यह बद से बदकार कुकृत्य पर प्रतिबंध जरुरी होगा।तत्सबंध मे आल इंडिया शोसल आर्गेनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ समाज सेवी पत्रकार श्री टी.आर.सनोडिया ने पी डब्ल्यू डी के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यानाकर्षित किया है कि पी डब्ल्यू डी सदर तथा पी डब्ल्यू डी मुख्य अभियंता सिविल लाईन परिसर के मुख्य द्वार पर बन्दूकधारी गार्ड-पहरेदार तैनात किया जाना चाहिए ।क्योंकि यहां पर रात के समय खुले छप्पर हालों मे जुंआ अड्डा चलने की खबर है।समझा जाता है कि इस गैरकानूनी कार्य में कुछ सोसायटी धारक कथित बदनाम ठेकेदार लिप्त होने की खबर है।बताया जाता है कि यह तथाकथित बदनाम ठेकेदार बिना काम किये बिल भुगतान पाने के लिए अभियंताओं को पटाते रहता है और रंगेली पार्टियां देने की फिराक में रहता है।