– गोंदिया का गुप्ता ट्रेवेल्स(BALAJI TRAVELS) पर वेकोलि मुख्यालय मेहरबान,मुख्य सतर्कता विभाग पर लगाम रखा हैं CMD ने
नागपुर – कोल् इंडिया में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही ( काफी नुकसान में संचलन हो रहा ) वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड ( WCL ) में प्रबंधन ने खासकर मुख्य सतर्कता विभाग(CVO) के लिए सबसे बेहतरीन फतवा जारी किया कि वर्त्तमान CMD MANOJ KUMAR GUPTA के कार्यकाल में कोई भी बड़ी कार्रवाई न करें,जिससे CMD की छवि पर असर पड़े.नतीजा CVO कार्यालय में विवादास्पद ट्रांसपोर्टर गुप्ता के खिलाफ सबूत होने के बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो रही.कल ट्रांसपोर्टरों से जुड़े मुद्दों को लेकर 29 जून 2021 को चंद्रपुर जिले के महाप्रबंधक कार्यालय सास्ती में महाप्रबंधक स्तर पर बड़ी बैठक होने जा रही.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बल्लारपुर वेकोलि क्षेत्र में गुप्ता समेत 17 ट्रांसपोर्टर विभिन्न प्रकार की सेवाएं दे रहे हैं.सिरग गुप्ता की डेढ़ दर्जन स्कूल बस,कर्मियों के आवाजाही के लिए बस,कार,ट्रक व एम्बुलेंस आदि किराये पर चल रहे.इन्होने पिछले 3 माह से चालकों व कंडक्टरों को पूर्ण वेतन नहीं दिया हैं.नियमानुसार लगभग सभी को कमोबेश 11000 रूपए मासिक देना चाहिए था,इस हिसाब से प्रत्येक को 30000-33000 हज़ार रूपए का भुगतान करना था लेकिन सिर्फ 5000-5000 रूपए भुगतान किया गया.नाराज कर्मियों ने गाड़ी खड़ी कर हड़ताल जैसा किया तो मामला शांत करने के लिए और 3000-3000 हज़ार दे दिया।
उक्त धांधली से क्षब्ध इंटक और ड्राइवर यूनियन ने सभी 17 ट्रैवेल्स के संचालकों की बैठक बुलाई थी,लेकिन सिर्फ 5 ट्रांसपोर्टर ही उपस्थित हो पाए.इस वजह से चर्चा नहीं हो पाई और कल 29 जून 2021 को महाप्रबंधक की उपस्थिति में कार्मिक प्रबंधक,इंटक के शंकर दस व ड्राइवर यूनियन ने सभी 17 ट्रांसपोर्टरों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई,इस बैठक में ट्रांसपोर्टरों ने आने से आनाकानी की तो 1 जुलाई 2021 से ड्राइवर-कंडक्टर ने हड़ताल पर जाने का संकेत दिया।
उल्लेखनीय यह हैं कि ट्रांसपोर्टर गुप्ता पर एक ही क्रमांक का नागपुर-बल्लारपुर-गोंदिया में बस चलाने का मामला प्रकाश में आया था,बल्लारपुर में मामला दर्ज होने के साथ ही गिरफ़्तारी भी हुई थी.यह वेकोलि में सबसे विवादास्पद ट्रांसपोर्टर हैं,इसके खिलाफ मुख्य सतर्कता कार्यालय में बड़ा मामला दर्ज हैं,क्यूंकि वेकोलि के दिग्गज अधिकारी इस मामले में लिप्त हैं,इसलिए संरक्षण दिया जा रहा.
ऊपर से वेकोलि CMD का फतवा कि उनके कार्यकाल में कोई बड़ी कार्रवाई न हो,इस चक्कर में CBI को कार्रवाई करने की नौबत आन पड़ी थी.ऐसा ही रहा तो इनके कार्यकाल में धांधलियों की फेरहिस्त तैयार होंगी,जो अगले CMD और CVO के लिए सरदर्द साबित हो सकती हैं ,अब सवाल यह उठता हैं कि क्या इस वजह से नितिन ने इस CMD के लिए जोर लगाया था ?