Published On : Fri, Jan 4th, 2019

मनपा का महिला उद्योजिका मेला विवाद में, वर्क ऑर्डर जारी होने के पहले ही शोबिज़ कंपनी ने शुरू किया काम

Advertisement

नागपुर: महानगर पालिका द्वारा आयोजित किये जाने वाले महिला उद्योजिका मेला में इवेंट कंपनी का टेंडर न खुलने के बावजूद शोबिज़ नामक कंपनी ने काम भी शुरू कर दिया। ऐसा आरोप यही टेंडर भरने वाली दूसरी कंपनी ने लगाए है। रेशमबाग मैदान में आयोजित इस मेले का काम इवेंट कंपनी को देने का फ़ैसला लेने के बाद इसके लिए टेंडर निविदा आमंत्रित की गई। टेंडर में शोबिज़ की कॉस्ट कम होने की वजह से टेंडर 1 जनवरी को उसे जारी कर दिया गया। नियम के मुताबिक टेंडर मंजूर होने के बाद वर्क ऑर्डर निकलने पर काम शुरू होता है लेकिन शोबिज़ कंपनी ने इसका इंतज़ार किये बिना ही तैयारियों का काम शुरू कर दिया जो अंतिम चरण में है। शोबिज़ कंपनी को दिए गए टेंडर को लेकर बिड करने वाली अन्य कंपनी ने इस पर आपत्ति जताई है। जिसकी गुरुवार और शुक्रवार को मनपा आयुक्त के समक्ष सुनवाई हुई। आपत्ति दर्ज कराने वाली कंपनी का दावा है कि नियमों को ताक पर रखकर शोबिज़ कंपनी को काम सौपा गया है। यह टेंडर क्वालिटी कम कॉस्ट बेसिस पर होता है जिसमे कई मापदंडो की जाँच कर काम सौपा जाता है। हमारा रिकॉर्ड बेहतर होने के बावजूद यह काम अन्य कंपनी को दे दिया गया। हमारी याचिका पर सुनवाई जारी है बावजूद इसके शोबिज़ कंपनी काम कर रही है। अन्य कंपनी ने मनपा प्रसाशन पर जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है जिससे कि शोबिज़ कंपनी अपना काम आसानी से कर सके। इस इवेंट शुरू होने में सिर्फ तीन दिन बचे है। ऐसे में अगर जनसुनवाई में उनकी जीत भी होती है तब भी उनकी कंपनी द्वारा काम करने की संभावना नहीं रह जाएगी। ऐसे में फायदा शोबिज़ कंपनी को ही होगा।

Gold Rate
Wednesday 19 March 2025
Gold 24 KT 88,900 /-
Gold 22 KT 82,700 /-
Silver / Kg 101,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वही इस सब मामले में इस कार्यक्रम की आयोजक समाज कल्याण समिति की प्रमुख प्रगति पाटिल के अनुसार इस विवाद को बेवजह तूल दिया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हुई है। मैंने इस कार्यक्रम में नियोजन की बैठक में प्रसाशन को निर्देश दिया था कि जिस कंपनी का टेंडर कम हो उसे काम दिए। उनके मुताबिक उनका मकसद सिर्फ इतना था कि आर्थिक तौर से मुश्किल हालत के दौर से गुजर रही महानगर पालिका के पैसे को बचाया जाये। जिस कंपनी को काम दिया गया है उनकी टेंडर कॉस्ट अन्य बिडर से लगभग 25 लाख रूपए कम थी। चूँकि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार सार्वजनिक मैदान में आयोजनों पर रोक लगी है। जिस वजह से मनपा को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस प्रक्रिया में देरी हुई। समय कम बचा है फिर भी कंपनी ने टेंडर जारी होने के बाद ही काम शुरू किया है।

अन्य कंपनी जो यह काम शोबिज़ को देने पर आपत्ति दर्ज करा रही है। उसके प्रमुख का कहना है कि लो कॉस्ट का इस टेंडर से कोई लेना देना नहीं। कई मापदंडो पर टेंडर आधारित है। जिसमे मार्किंग के हिसाब से टेंडर जारी होता है। कंपनी की आर्थिक स्थिति भी इसका एक हिस्सा है। उनकी कंपनी का काम बेहतर है। आपत्ति दर्ज करने वाली कंपनी का कहना है कि जिस कंपनी ने काम शुरू किया है उसने एफिडेविट नहीं भरा है। टेंडर में पिछले तीन वर्षो के फाइनेंशियल टर्नओवर का रिकॉर्ड जमा करना था नियम था जिसका टर्नओवर 1 करोड़ से ऊपर होगा काम उसे मिलेगा। शोबिज़ ने दो वर्ष की फाइनेंशियन असेसमेंट जमा कराई। इसके अलावा भी कई पॉइंट जाँच दल के समक्ष रखे गए है।

Advertisement
Advertisement