नागपुर– रविवार को हुई तेज बारिश ने मनपा की पोल खोल कर रख दी है. प्रभाग-12 के सुरेन्द्रगढ़ में कई नागरिकों के घरो में पानी घुस गया था. केवल 1 से डेढ़ घंटे की बारिश ने सडको के किनारे जिनके घर है. उनके घरों में पानी जा घुसा. नागरिकों की जानकारी के अनुसार बजरंग चौक के पास दो गलियों में टीले जैसी हाइट बना दी गई है. जिसके कारण पानी गलियों में न बहकर सीधा सड़क से बहने लगा और यह बारिश का पानी सड़क के किनारें पर बनी नालियों से भी नहीं बह सका, क्योंकि सुरेन्द्रगढ़ में सड़क के किनारें की नालियां वर्षो से साफ़ नहीं की गई है.
बजरंग चौक के पास जहां यह गलियों को ऊंचा किया गया है, वहां पर ज्यादतर दूसरे राज्यों के नागरिक रहते है और यह इन नगरसेवकों के कोर वोटर है. जिसके कारण इन लोगों के घरों में पानी न जाए, इसके लिए सड़क से सटी गलियों को ऊंचा कर दिया गया है. जो नियमों के खिलाफ है.
नागरिकों का कहना है की नगरसेवकों के आशीर्वाद से ही इन गलियों को ऊंचा किया गया है. रविवार को जिस दिन बारिश हुई, उस दिन जिनके घर सड़क पर है, वे तेज बारिश में पानी निकालते हुए दिखाई दिए, इस दौरान पीछे रहनेवाले लोगों में और सड़क पर रहनेवाले लोगों में तू-तू मैं -मैं भी हुई. लेकिन पीछे के लोगों के सिर पर नगरसेवक का हाथ होने की वजह से सड़क के लोग हाईट बढ़ाई गई गली को तोड़ नहीं सके.
सुरेन्द्रगढ़ में रहनेवाले नागरिकों के अनुसार बजरंग चौक में गलियों में लॉकडाउन से कुछ महीने पहले कुछ काम हुआ था. जिसके कारण कई गलियों की हालत खराब हो चुकी है. यहां रोजाना नागरिक गाडी से फिसलते है. यहां पर गटर के ढक्कन भी फूटे है. नागरिकों का कहना है की कई बार फूटे हुए ढक्कन के लिए नगरसेवकों को बताया गया है. लेकिन उनकी ओर से कभी भी इसे दुरुस्त करने का काम नहीं किया गया है. यहां के कुछ लोगों ने तो गटर फूटने के बाद खुद ही अपने पैसों से गटर के ढक्कन बनवाएं और लगाए. कुछ लोगों की ओर से खुद ही अपने घर के सामने के गटरों का कचरा साफ़ किया जाता है. इससे भी नागरिक काफी नाराज है.
यही पर रहनेवाले नागरिकों का कहना है की प्रभाग के कुछ नगरसेवक केवल उसी जगह को ज्यादा प्राथमिकता देते है, जहां पर उनका वोट बैंक काफी है. जहां वोट बैंक नहीं है, वहां पर वे भटकते भी नहीं है. इसका जीता जागता उदाहरण रविवार को नागरिकों ने देखा है.
सुरेन्द्रगढ़ में बजरंग चौक में इस दौरान कई मुसीबतो का सामना नागरिकों को करना पड़ रहा है. जिस तरह से बारिश का पानी सड़क पर रहनेवाले नागरिको के घरों में घुसा है, उसके कारण नागरिकों को अब बारिश ज्यादा आने पर भी डर लगने लगता है. प्रभाग के नगरसेवकों को लेकर नागरिकों में काफी रोष है.