Published On : Sat, Oct 7th, 2017

नरभक्षक बाघिन काटाेल तहसिल के ग्राम गोंडीदिग्रस परिसर में

Advertisement


नागपुर/काटाेल: बीते सप्ताह से वन विभाग को दर दर भटकते चकमा देकर नजर आ रही नरभक्षक बाघिन गुरुवार को नरखेड़ तहसील के ग्राम दिंदरगांव परिसर में दिखाई दी. जो रात मुंदाफले खंडाला, खामली होते हुए शुक्रवार सुबह उसका लोकेशन काटाेल तहसिल के ग्राम गोंडीदिग्रस परिसर में मिला. जिसे लेकर क्षेत्र के गांव वासी खासी सतर्कता बरते हुए है. वन विभाग की ओर से बेहोश करने के लिए ट्रेंक्यूलाइजर के जरिए बेहोश करने का प्रयास किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बाघिन ग्राम गोंडीदिग्रस नदी नाले के किनारे झाड़ियों में एक थंडी जगहा पर पानी वाले स्थान पर चुपचाप शिकार के इंतजार में बैठा करती है. वहीं वनविभाग के अधिकारियों द्वारा उस पर नंजर बनाये रखी जा रही है.

यहां वन विभाग की तीन टीमें तीन अलग अलग जगहों पर बाघिन के शिरकत पर नजर बनाए बैठी है. वहीं इस बाघिन को पकड़ के लिए दूसरी तर्कीब यानी एक बड़े से पिंजरे को ऐसे स्थान पर रखा गया जहां बाघिन की नजर पडे़ और वह उस पिंजरे के अन्दर शिकार पकड़ने के चक्कर में प्रवेश कर फंस जाए. पिंजरे में इसके लिए दो बड़ी बड़ी बकरियों को भी बांधकर रखा गया है. बाघिन के इसमें प्रवेश करते ही पिंजरे दरवाजे अपने आप बंद हो जाएंगे. लेकिन अभी विभाग को इसमें कोई सफलता नहीं मिली. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के सलील देशमुख ने भी वनाधिकारियों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया.


बता दें कि यह बाघिन बोर टाइगर रिजर्व के जंगल से आई है. इस बाघिन ने पहले भी ब्रह्मपुरी में चार लोगों को मौत घाट उतार चुकी है. उसी दौरान उसे वहां से पकड़ने के बाद गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था. इसके बाद रेडियो कॉलर लगाकर बोर के जंगल में छोड़ा गया था. लेकिन उसने वहां पर भी दो लोगों को अपना शिकार बना लिया. जिसके बाद वन विभाग ने उसे दोबारा पकड़ने की मुहिम छेड़ी. सप्ताह भर से वनविभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारी करीब 150 कर्मचारियों के साथ उसकी खोजबीन कर रहे हैं. परंतु अभी तक उनको कोई सफलता हासिल नहीं हुई.

Gold Rate
Friday 07March 2025
Gold 24 KT 86,300 /-
Gold 22 KT 80,300 /-
Silver / Kg 97,700 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above


इसी दौरान इस नरभक्षक बाघिन को शूट कर गोली मारने कोशिश कर प्रयास करते वक्त हाईकोर्ट ने रोक लगाई. जिससे उसे केवल बेहोश कर पकड़ने का विकल्प ही वन विभाग के पास शेष रह गया है. लेकिन रात होते ही बाघिन का अपनी जगह बदला जाना वन विभाग के लिए खासा सर दर्द बना हुआ है. गुरूवार की शाम यह नरभक्षक बाघिन दिंदरगाव परिसर में थी. इसके बाद मसली शिविर के सिंगारखेड़ा से खामली मार्ग से गुजर कर गोंडीदिग्रस पर आई है. बताया जा रहा है कि रात भर उसने 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय किया है. वन विभाग ने उसे पकड़ने के लिए 5 किलोमीटर के क्षेत्र में किसानों तथा खेत मंजूरी का सभी सहारा लिया है. काटोल नरखेड परिसर में नरभक्षक बाघिन का अधिवास बनने से गांववासियों में दहशत कायम है.

Advertisement