नागपुर: मुख्यमंत्री के मूल निवास के ठीक पीछे अवैध निर्माणकार्यों के कई मामले प्रकाश में आये. इन्हीं में से एक धरमपेठ स्थित झंडा चौक पर मनपा नगर रचना विभाग द्वारा मंजूर नक़्शे को दरकिनार कर निर्मित इमारत की छत पर सम्बंधित प्रशासन से समझौता कर ‘टेरेस व्हील’ नामक ‘रूफ टॉप’ रेस्टॉरेंट की शुरुआत गत दिनों की गई.जिसके विरोध में उक्त जगह के मूल मालिक ने मनपायुक्त को पत्र लिख उक्त रेस्टॉरेंट का लाइसेंस रद्द करने की मांग की.
इसके बाद अन्यायग्रस्त जोशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में न्याय हेतु गुहार लगाई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले की नजाकत को देखते हुए मनपा प्रशासन और पुलिस प्रशासन को पत्र लिख उचित कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके साथ ही जोशी ने मनपा नगर रचना विभाग को उक्त मामले की हक़ीक़त से लिखित रूप से रु-ब-रु कराया. बावजूद इसके मनपा व पुलिस प्रशासन ठोस कार्रवाई के बजाय नोटिस पर नोटिस भेज खानापूर्ति करने में लगा हुआ है.
ज्ञात हो कि गत सप्ताह नवनिर्मित इमारत स्थल के मूल मालिकों में से एक नरहरी परमानंद जोशी ने मनपायुक्त अश्विन मुद्गल को पत्र लिख जानकारी दी कि धरमपेठ के झंडा चौक स्थित गोकुल रोशन नामक इमारत के वे संयुक्त मालिक है. उक्त जगह पर जमीन के सभी संयुक्त मालिकों ने संयुक्त रूप से पंकज कंस्ट्रक्शन कंपनी को इमारत निर्माण करने के लिए उनसे करार किया गया था, जिसके तहत उक्त इमारत का निर्माण किया गया.
उक्त इमारत निर्माण के लिए सम्पूर्ण अनुमति के साथ नक्शा मंजूरी उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक पंकज रोशन धवन ने ली थी. इसके बाद निर्माण करते हुए उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मंजूर नक़्शे के विपरीत निर्माणकार्य किये. जिसकी शिकायत मनपा नगर रचना विभाग और धरमपेठ जोन में की गई. इसी दौरान उक्त कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैर क़ानूनी रूप से निर्मित उक्त इमारत को अधिकृत करवाने के उद्देश्य से नए सिरे से मंजूरी के लिए सुधारित नक्शे के साथ निवेदन नगर रचना विभाग में किया.
जोशी ने आयुक्त को यह भी जानकारी दी कि नगर रचना विभाग ने वर्ष २०१५ में जिसे नामंजूर कर दिया था, बावजूद इसके धवन ने उक्त इमारत का अनाधिकृत निर्माण कार्य नहीं तोड़ा. इसके बाद बिल्डर धवन ने उक्त इमारत की छत पर ‘टेरेस व्हील नामक रूफ टॉप रेस्टॉरेंट’ की शुरुआत गत दिनों ९ या १० फरवरी २०१८ को की गई. कल वेलेंटाइन डे की उपलक्ष्य पर देर रात तक युवाओं की धूम देखी गई. उक्त रेस्टॉरेंट शुरू करने के लिए बिल्डर धवन ने अन्य संयुक्त मालिकों को पक्ष में नहीं लिया।उक्त रेस्टॉरेंट दरअसल गैरकानूनी है. उक्त गैरकानूनी रेस्टॉरेंट के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग जोशी ने मनपायुक्त से की है.
उल्लेखनीय यह है कि उक्त इमारत के विकासक ने पहले नगर रचना विभाग से रहवासी इमारत की मंजूरी प्राप्त की थी. इसके बाद कमर्सिअल के लिए पुनः मंजूरी हेतु निवेदन किया. जब मंजूरी नहीं मिली तो विकासक ने राज्य के शहरी विकास मंत्रालय में अपील दर्ज करवाई. जहां कुछ नहीं हुआ फिर अंत में मनपा नगर रचना विभाग में पुनः कमर्सिअल के लिए ‘रिवाइस प्लान’ हेतु निवेदन किया. जिस पर प्रशासन ने अभी तक निर्णय नहीं लिया. लेकिन अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई भी नहीं की. इतना ही नहीं उक्त इमारत के विकासक के पास ऑक्युपेंसी प्रमाणपत्र नहीं होने के बावजूद व्यापार करने व करवाने की अनुमति देना गैरकानूनी है.