Published On : Tue, Apr 3rd, 2018

अतुल्य भारत : राष्ट्र की कला, संस्कृति एवं खानपान का अनूठा संगम ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ ​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​ ​​​​​​​

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नागपुर: कला, नृत्य, संगीत, संस्कृति एवं खानपान की विभिन्नताओं का सुंदर मिलाप है हमारा भारत। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित ‘अतुल्य भारत’ कला उत्सव में यह चित्र साकार होता दिख रहा है। इस 4 दिवसीय उत्सव में शास्त्रीय संगीत-नृत्य, वस्त्राभूषण एवं हस्तकला, पेंटिंग्स एवं पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद रसिकजनों ने खूब चखा।

अतुल्य भारत का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद के सहयोग से 30 मार्च से 2 अप्रैल के दौरान किया गया था। सोमवार को इसका समापन हुआ।

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शाम को शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति में ‘अखियन मोरे श्याम’ (ठुमरी), ‘जोहूं बाट तोरी पिया’ (दादरा), ‘चैती होरी आलस निरसानो’ (चैती) कर्णमधुर प्रस्तुति में श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए। विभिन्न प्रदेशों के पारंपारिक नृत्य, गायकी एवं वेशभूषा के विलोभनीय प्रदर्शन ने दर्शकों को तरल आनंद का परिचय दिया। इसके पूर्व यहां आयोजित नेशनल पेंटिंग वर्कशॉप में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिभागियों को उनके अनूठे कला प्रदर्शन के लिए मंच पर सन्मानित किया गया।

यहां उत्तर प्रदेश की ( खुरजा पॉटरी ), महाराष्ट्र की ( फिंगर पेंटिंग्स, जरी वर्क, वुडन टॉयज, सिरामिक वर्क, पेपर क्राफ्ट, डेकोरेटीव फ्लावर्स, ताडोबा बैम्बू क्राफ्ट ), मध्य प्रदेश के( बेल मेटल, प्रिंट एंड हैंड वर्क साड़ी ), छत्तीसगढ़ के ( लोह शिल्पकारी, वुड क्राफ्ट ), कर्नाटक की ( बिदारी हस्तकला एवं लेदर पपेट ) आदि विभिन्न प्रदेशों की हस्तकला की बिक्री एवं प्रदर्शनी के स्टाल सजे थे। लोग कौतुहल मिश्रित भाव से सभी स्टाल्स पर खोये रहे एवं हस्तकला की इन अप्रतिम कृतियों को खरीदने में रुचि लेते दिखे।

इसी के साथ दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब, विदर्भ एवं दक्षिण भारत के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी नगरजनों ने खूब चखा। गर्मियों की शुरुआत में संगीत, कला एवं खानपान के इस अनोखे संगम ने अभ्यागतों को परम शांति एवं शीतलता अनुभव कराया।

—By Swapnil Bhogekar

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