नागपुर: मनपा चुवाव में प्रभाग पध्दति में चार प्रवर्गों की नई व्यवस्था के चलते हर प्रभाग में एक ही दल के उम्मीदवार मिलकर प्रचार कर रहे हैं। साथ मिलकर रैलियां और बैठकें ले रहे हैं। भले ही मनपा चुनाव में बड़े राजनीतिक दलों के बागी उम्मीदवार स्वतंत्र उम्मीदवारी लेकर चुनाव मैदान में उतरे हों, उनका दबदबा भी माना जा रहा है। लेकिन फिर भी स्वतंत्र उम्मीदवार चाहकर भी पैनल नहीं बना पा रहे हैं। और यही वजह है कि स्वतंत्र उम्मीदवार को प्रभाग में पार्टी उम्मीदवार के मुकाबले ज्यादा मेहनत करना पड़ा रहा है।
स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच पैनल ना बन पाने का सबसे बड़ा कारण भिन्न चुनाव चिन्ह होना माना जा रहा है। एक साथ प्रचार के दौरान चार प्रवर्गों में भिन्न चिन्हों को लेकर मतदाताओं के बीच उम्मीदवार चाह कर भी नहीं जा पा रहा है। लेकिन खास बात यह है कि बागी उम्मीदवार अपने ही प्रभाग में दूसरे प्रवर्ग के स्वतंत्र उम्मीदवार को समर्थन दे रहे हैं। इस अपरोक्ष समर्थन से भी पार्टी उम्मीदवारों को बड़ा नुकसान या सूपड़ा साफ होने की भी स्थिति से इंकार नहीं किया जा रहा है। इसी समीकरण के चलते स्वतंत्र उम्मीदवारों की संख्या बड़े पैमाने पर बनकर उभरने की संभावना जताई जा रही है। पैनल भले ही स्वतंत्र उम्मीदवार ना बना पा रहे हों लेकिन यह जरूर है कि परिणाम आने के बाद इनकी बड़ी आघाड़ी बन सकती है।