नागपुर : प्रभाग पद्धति की वजह से इस बार महानगर पालिका चुनाव रोचक होने वाला है। चार जनप्रतिनधियों को मिलाकर बनाये गए एक प्रभाग में निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ना ही बड़ी चुनौती है। इसलिए वर्तमान में निर्दलीय प्रतिनिधियों ने बीजेपी या काँग्रेस का दामन थाम लिया है। दरअसल अपने राजनीतिक अस्तित्व को बनाये रखने के लिए चुनाव जीतना जरुरी है और चार वार्ड के एक प्रभाग व्यवस्था में किसी निर्दलीय का जीत कर आना काफी मुश्किल काम है। मनपा की राजनीति में निर्दलीय नगरसेवकों की अपनी शक्ति है। फ़िलहाल 10 निर्दलीय नगरसेवक मनपा में है इन सभी ने किसी न किसी दल का दामन थाम लिया और चुनावी जंग जीतने की तैयारी में जुट गए हैं।
पूर्व महापौर किशोर डोरले जिन्होंने अपना पिछला चुनाव निर्दलीय जीता था इस चुनाव में काँग्रेस का दामन थाम लिया है। इसके अलावा सविता संगोले और कमलेश चौधरी ने भी काँग्रेस ज्वाइन किया है। निर्दलीय गोपीचंद कुमरे और पूर्व उपमहापौर मुन्ना पोकुलवार ने भाजपा से टिकिट माँगी है। चार वार्ड के प्रभाग व्यवस्था की वजह से चुनाव के त्रिकोणीय होने की संभावना बेहद कम है मुख्य लड़ाई बड़े राजनितिक दलों के बीच ही होने की संभावना है। ऐसे में जो निर्दलीय जनप्रतिनिधि है वह वास्तविकता का आकलन कर बड़े राजनीतिक दल के साये में जाना ही उचित समझ रहे हैं।