नई दिल्ली: भारत में जन्मे निकेश अरोरा ने वेतन के मामले में मील का पत्थर रख दिया है. जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक के पूर्व प्रेसीडेंट निकेश अरोरा को उनकी नई कंपनी ने 857 करोड़ रुपये (128 मिलियन डॉलर) का पैकेज दिया है. अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी कंपनी पालो आल्टो नेटवर्क ने निकेश ये सेलरी पैकेज दिया है. इसी के साथ वह अमेरिका में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले एक्जीक्यूटिव में से एक हो गए हैं.
पैकेज में क्या-क्या?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 50 साल के अरोरा को सालाना 6.7 करोड़ रुपये का वेतन सहित 6.7 करोड़ का ही टारगेट बोनस भी मिलेगा. इसके अलावा उन्हें 268 करोड़ रुपये मूल्य के स्टॉक भी दिए जाएंगे, लेकिन शर्त ये है कि वह इन्हें अगले 7 सात साल तक बेच नहीं पाएंगे. इसके अलावा कंपनी उन्हें 442 करोड़ रुपये भी देगी अगर अगले 7 साल में पालो आल्टो के शेयर 300 फीसदी तक चढ़ जाएं. इसके साथ ही वह 134 करोड़ रुपये के कंपनी के शेयर भी खरीद सकते हैं और इतने ही मूल्य के शेयर कंपनी उन्हें देगी लेकिन इन्हें अगले 7 साल तक बेचा नहीं जा सकेगा.
गूगल से गए थे सॉफ्टबैंक
2012 में अरोरा गूगल में सबसे ज्यादा पैकेज पाने वाले एक्जीक्यूटिव थे. उनका सालाना पैकेज 344 करोड़ रुपये था. इसके बाद सितंबर 2014 में अरोरा ने जापान की इंटरनेट और टेलीकम्युनिकेशन कंपनी सॉफ्टबैंक को ज्वाइन किया था जहां उन्हें 850 करोड़ रुपये का पैकेज ऑफर किया गया. उन्हें ग्लोबल ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई थी.
2016 में सॉफ्टबैंक के चेयरमैन मासायोशी सोन के साथ मतभेद के चलते अरोरा को यहां से विदा होना पड़ा. गौर करने वाली बात है कि अरोरा को सोन ने खुद गूगल से हायर किया था और प्रेसीडेंट बनाया था. सोन ने सार्वजनिक रूप से अरोरा की तारीफ करते हुए उन पर अपना पूरा भरोसा जताया था. अरोरा ने खासतौर पर भारत को लेकिन निवेश की रणनीति बनाई जिसमें वह कामयाब भी रहे.