गीतिका को भी मिला स्वर्ण, जबकि जमुना और कलाइवानी ने जीता रजत
भारत ने कुल 14 पदकों के साथ किया अपने अभियान का समापन
नई दिल्ली: मौजूदा युवा विश्व चैंपियन अल्फिया पठान और गीतिका ने सोमवार को सनसनीखेज प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया, जबकि भारत की अन्य दो महिला मुक्केबाज-कलाइवानी श्रीनिवासन और जमुना बोरो ने कजाकिस्तान की राजधानी नूर-सुल्तान में आयोजित इलोर्डा कप में रजत पदक के साथ अपने अभियान का समापन किया।
नागपुर की अल्फिया ने 2016 विश्व चैंपियन और खिताब की प्रबल दावेदार माने जाने वाली लज्जत कुंगेइबायेवा को महिलाओं के +81 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में बिना पसीना बहाए एकतरफा अंदाज में 5-0 से हराया, जबकि गीतिका ने 48 किग्रा भार वर्ग के अखिल भारतीय महिला फाइनल में हमवतन कलाइवानी पर 4-1 से रोमांचक जीत दर्ज की।
यह दोनों युवाओं, अल्फिया और गीतिका के लिए पहली सीनियर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता भी थी।
अल्फिया मौजूदा एशियाई चैंपियन कुंगेइबायेवा के लिए बहुत मजबूत साबित हुई क्योंकि वह पूरी तरह से हावी नजर आईं। अल्फिया ने एक बार भी कुंगेइबायेवा को पैर जमाने का मौका नहीं दिया और अंततः एकतरफा अंदाज में मैच जीतने में सफल रहीं। अनुभवी कजाख मुक्केबाज अपने श्रेष्ठ लय में नजर आ रही इस युवा भारतीय के खिलाफ पूरी तरह बेअसर दिखी।
स्वर्ण पदक जीतने के बाद उत्साहित अल्फिया ने कहा, “विशेष रूप से विश्व चैंपियन के खिलाफ जीत हासिल करते हुए स्वर्ण पदक जीतना एक अद्भुत अहसास है।”
दूसरी ओर, रोहतक की रहने वाली गीतिका ने कलाइवानी के खिलाफ रोमांच से भरपूर अखिल भारतीय फाइनल जीतकर देश को पहला स्वर्ण दिलाया। इस मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों ने आक्रामक इरादे से शुरुआत की और एक-दूसरे पर हमला करती रहीं।
दोनों मुक्केबाज एक दूसरे पर लगातार घूंसे बरसाती रहीं लेकिन इसी बीच गीतिका ने अपना गियर बदला और लगातार हमलों के दम पर परिणाम अपने हक में करने में सफल रहीं।
गीतिका ने अपनी जीत के बाद कहा, “पहले सीनियर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतना बहुत अच्छा अहसास है। यह एक शुरुआत है। मैं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वरिष्ठ स्तर पर और पदक जीतना चाहती हूं।”
इस बीच, 2019 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता जमुना ने उज्बेकिस्तान की निगिना उकटमोवा के खिलाफ अपना सब कुछ झोंक दिया, लेकिन बावजूद इसके वह 54 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में 0-5 से हार गई।
अल्फिया और गीतिका को स्वर्ण पदक जीतने पर 700 अमेरिकी डालर की पुरस्कार राशि मिली जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमशः 400 अमेरिकी डॉलर और 200 अमेरिकी डॉलर से पुरस्कृत किया गया।
अंतिम दिन दो स्वर्ण और इतने ही रजत पदक जीतने के साथ भारतीय दल ने टूर्नामेंट के उद्घाटन संस्करण में 10 कांस्य सहित कुल 14 पदकों के साथ अपने अभियान का समापन किया।
भारतीय महिला मुक्केबाजों ने टूर्नामेंट में दो स्वर्ण, दो रजत और छह कांस्य पदक हासिल किए। इस टूर्नामेंट में भारत, उज्बेकिस्तान, मेजबान कजाकिस्तान, क्यूबा, चीन और मंगोलिया जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों के शीर्ष खिलाड़ी शामिल हुए।
ज्योति गुलिया (52 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), सोनिया लाठेर (57 किग्रा), नीमा (63 किग्रा), ललिता (70 किग्रा) और बबीता बिष्ट (81 किग्रा) महिला वर्ग में कांस्य पदक विजेता रहीं।
पुरुषों में कुलदीप कुमार (48 किग्रा), अनंत चोपडे (54 किग्रा), सचिन (57 किग्रा) और जुगनू (92 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते।
महिला वर्ग में दो टीमों के साथ 33 सदस्यीय भारतीय दल ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था।