नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नागपुर में इंडो यूके इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (आईयूआईएच ) मेडिसिटी का भूमिपूजन किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपक्रम है कि मेडिसिटी की शुरुआत नागपुर शहर से हो रही है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के लिए आभार माना. उन्होंने बताया कि 18 महीने पहले यूके(युनाइटेड किंगडम) के प्रधानमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री ने यह निर्णय लिया था कि भारत देश में मेडिसिटी की शुरुआत करेेंगे. देश के 11 शहरो में मेडिसिटी हेल्थकेयर की शुरुआत होगी. उन्होंने बताया कि 20 साल पहले मिहान की जब शुरुआत हुई थी तभी हेल्थ टूरिज्म के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही थीं.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मिहान योजना में काफी सहयोग रहा है. सरकार के प्रयासों के कारण ही नागपुर को एम्स जैसा प्रतिष्ठि संस्थान मिला. हेल्थकेयर यूके और यूएसए में काफी महंगा है. जिस इलाज के लिए इन देशों में 50 लाख रुपए तक का खर्च आता है वह हमारे देश में 5 लाख रुपए में ही हो जाता है. जिसके कारण नागपुर मेडिसिटी में विदेशी लोग भी आकर अपना इलाज करवा सकते हैं. यहां मरीज न केवल इलाज कर पाएंगे बल्कि वे विदर्भ के टूरिज्म का भी लाभ ले सकते हैं. यह हॉस्पिटल ही नहीं बल्कि मेडिसिटी कहलायेगा. यहां पर कॉलेज, जेनेरेटिक रिसर्च सेंटर जैसी कई व्यवस्थाएं होंगी. साथ ही इसके फाइव स्टार होटल भी होगा. इस दौरान ब्रिटिश सरकार की ओर से जेन ग्रेडी, इयान वाटसन, डॉ.अजय गुप्ता समेत, महापौर नंदा जिचकार, सांसद अजय संचेती, विधायक आशीष देशमुख, सुधाकर देशमुख प्रमुख रूप से मौजूद थे.
आईयूआईएच ग्रुप के एमडी एवं सीईओ डॉ.अजय गुप्ता ने बताया कि इंडो यूके इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ प्रोग्राम का लक्ष्य आईयूआईएच मेडिसीटीज और आईयूआईएच क्लिनिक्स को भारत में विकसित करना है. यूके के उत्कृष्ट एनएचएस संस्थानों के साथ गठजोड़ के अलावा रणनीतिक चिकित्सीय एवं प्रशिक्षण साझेदारियों में प्रत्येक मेडिसीटी में एक हजार बेड हॉस्पिटल में शामिल करने की योजना है. डॉ. गुप्ता ने बताया आईयूआईएच का विजन शोध, शिक्षा, तकनीक, विनिर्माण एवं हेल्थकेयर डिलीवरी में वैश्विक अग्रणियों के साथ साझेदारी द्वारा भारत में एकीकृत स्वास्थ्य सेवा मुहैय्या कराना है.
नागपुर में पहली बार आईयूआईएच मेडिसिटी का विकास लंदन के किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल के सहयोग से किया जा रहा है. इसमें लगभग 1600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. 11 शहरों में मेडिसिटी बनाने के लिए करीब 17 हजार 600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट 13 वर्षों में पूरा हो पाएगा. पहले चरण के लिए लगभग 3 साल का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि कई बड़े ऑपरेशन यहां पर 30 प्रतिशत कम दामों में किए जाएंगे. इस काम के िलए सरकार द्वारा अच्छा सहयोग मिलने का भी उन्होंने आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से सभी अनुमतियां मिलने के बाद काम शुरू किया जा सकता है.
ब्रिटिश उच्चायोग की ट्रेड, इकॉनमी एंड प्रोस्पेरिटी की डिप्टी डायरेक्टर जेन ग्रेडी ने इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि एनएचएस को दुनिया का सबसे अच्छा एकीकृत हेल्थकेयर सिस्टम माना जाता है. आईयूआईएच के जरिए हम भारत में प्रशिक्षण, नवाचार और डिलीवरी में यूके की विशेषज्ञता लाने के लिए उत्साहित हैं. यह एनएचएस को दुनिया का एक सबसे अच्छा हेल्थकेयर सिस्टम बनाती है. इस महत्वकांक्षी परियोजना में महाराष्ट्र के लोगों की स्वास्थ्य सेवा की जरूरतों को पूरा करने के िलए एनएचएस केयर मानक के तौर पर नजर आएगी. जेन ग्रेडी ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि इस सहयोग से दोनों देशों के बीच हेल्थकेयर क्षेत्र में करीब से काम करने को बढ़ावा मिलेगा.