नागपुर: मनपा प्रशासन ने मनपा चुनाव पूर्व सम्पत्तिकर में बढ़ोतरी की थी लेकिन सत्तापक्ष के दबाव में उसे लागू नहीं किया गया. साथ ही साइबर टेक नामक कंपनी से शहर की तमाम सम्पत्तियों का सर्वे और मूल्यांकन कराया गया, जिसमें अनेक खामियां होने के आरोप पक्ष-विपक्ष द्वारा लगाए गए. सर्वपक्षीय नगरसेवकों के दबाव में आगामी २८ या २९ दिसंबर को मनपा की विशेष सभा का आयोजन कर बढ़े हुए संपत्ति कर पर समीक्षा की जाएगी. संभवतः इस समीक्षा सभा के निष्कर्ष के आधार पर सुधारित डिमांड जारी किया जा सकता है.
ज्ञात हो कि साइबर टेक कंपनी पर कई आरोप लगाए गए.
इसमें प्रमुख तौर पर
पहला आरोप- यह कंपनी अमरावती मनपा द्वारा ब्लैकलिस्टेड कंपनी है, इसके बावजूद नागपुर मनपा ने उसे कार्यादेश दिया.
दूसरा आरोप- यह कंपनी मनपा में सत्ताधारी पक्ष के पूर्व पदाधिकारी की है. मनपा में कार्यरत अनेकों ठेकेदार कंपनियों में अप्रत्यक्ष रूप से सत्ताधारी पक्ष के नगरसेवक,पदाधिकारियों की भागीदारी है.
तीसरा आरोप- साइबर टेक ने अधिकांश सर्वे का चित्रीकरण प्रत्यक्ष रूप से किया लेकिन मूल्यांकन की रिपोर्ट ‘प्रो डाटा बेस’ के आधार पर की गई. जिसके कारण यह मूल्यांकन हक़ीक़त से कोसों दूर पाई गई.
चौथा आरोप- एक ही संपत्ति में विभिन्न उपयोग में लाई जानेवाली जगहों को कई यूनिट में तब्दील कर दिया, जिससे ठेकेदार कंपनी को बड़ी राशि मिलने की संभावना है.
पांचवा आरोप- रहवासी संकुलों में सर्वे के लिए पहुंचे जरूर, जहां उपलब्ध रहवासियों से जो भी जानकारी मिली उसके आधार पर सम्पूर्ण संकुल/ईमारत अंतर्गत फ्लैट/दुकानों का खुद ब खुद डाटा तैयार कर मनपा को थमा दिया, मनपा ने भी उसे सकारात्मक सहयोग करते हुए नियमित सम्पत्तिकर धारकों को उसी आधार पर डिमांड जारी कर दिया.
छठा आरोप- जारी वर्ष का अग्रिम कर जमा करने वालों को भी पूरी डिमांड थमाई गई. जिस परिसर में कॉमन वॉटर मीटर है, वहां के नियमित करदाताओं की मांग पर पानी कर जोड़ दिया गया.
सातवां आरोप- मनपा संपत्ति कर विभाग नागरिकों-नगरसेवकों के आरोपों को धता बताकर नागरिकों को दोषी करार दिया और साइबर टेक को सही ठहराने हेतु दबाव बनाया जा रहा है.
आठवां आरोप- उक्त अनियमितताएं सिर्फ नियमित कर अदा करने वालों के साथ हो रही हैं.अभी भी लाखों में सम्पत्तियां ऐसी हैं, जिनका न मूल्यांकन हुआ है और जिनका हो चुका है, उन्होंने भुगतान शुरू नहीं किया,इस ओर मनपा का जरा भी ध्यान नहीं है.
नगरसेवकों की मांग है कि साइबर टेक को नागपुर मनपा भी गलत मूल्यांकन करने के लिए ब्लैकलिस्ट करें, मनपा प्रशासन कर विभाग में बदलाव कर अंकेक्षण, कर वसूली और कर न अदा करने वालों पर कार्रवाई के लिए तीन उपविभाग का गठन करें. साथ ही जारी डिमांड को रद्द कर मनपा कर विभाग के मार्फ़त सर्वे कर नई डिमांड जारी कर शक्ति से कर वसूली करें. शिक्षण संस्थाओं में जारी व्यावसायिक उपक्रमों पर भी कमर्शियल टैक्स लगाएं, इसके अलावा मनपा के तमाम कर्मियों द्वारा भरे गए कर का लेखा-जोखा सार्वजानिक करें.