युवा स्वाभिमान परिवार की ओर से मृत छात्रों और नागरिकों को श्रद्धांजली
अमरावती। क्रुरता की हदें पार कर तालिबान ने 16 दिसंबर को पाकिस्तान के सैनिक स्कूल पर हमला कर करीब 125 छात्रों सहित 160 लोगों को मारा गया था. छात्रों पर हुए अभीतक सबसे बड़ा हमला है. हमलावरों ने कक्षा में घुसकर छात्रों को मारा. बच्चे भगवान की देन समझे जाते है एवं भगवान का रूप भी कहते है. कोई भी देश, धर्म और जात के बच्चे हो उनमें भेदभाव नहीं होता. लेकिन तालिबान ने क्रुरता दिखाते हुए सारी हदें पार कर दी.
छात्रों पर हुए हमले का हर देश में निषेध हो रहा है. वही राजापेठ के युवा स्वाभिमान परिवार की ओर से भी इस घटना पर निषेध जाहिर किया है. छात्रों और नागरिकों को श्रद्धांजलि दी है. इ सदौरान जितु दुधाने, संजय हिंगासुपूरे, संजय गायकवाड़, शैलेंद्र कस्तूरे, रौनक कीटुकले, आशीष गावंडे, अनूप अग्रवाल, विलास वाडेकर, सिद्धार्थ बंसोड़, चंदुभाऊ जावरे, ओमप्रकाश वानखेड़े, सुधीर लवणकर, दीपक जलतारे, अजय बोबडे, प्रमोद इंगले, प्रफुल्ल सानप, प्रदीप सोनटक्के, फईम पठान, अंकुश गणेशपुरे, सुमती ढोके आदि अधिक संख्या में उपस्थित थे.