Published On : Fri, Mar 9th, 2018

एम्स जैसे संस्थान से मिलेगा मेडीकल के छात्रों को वर्चुअल एजुकेशन, 7 बड़े संस्थान शिक्षा देंगे

Advertisement

All India Medical Admission Process under ESIC quota
नागपुर: स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल मेडिकल कॉलेज नेटवर्क (एनएमसीएन) शुरू करने के साथ देश के मेडिकल कॉलेजों को जल्द ही एम्स, संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज (एसपीजीआई), लखनऊ मेडिकल कॉलेज सहित दूसरे मेडिकल कॉलेजों से लाइव वर्चुअल एजुकेशन मिलेगा. एनएमसीएन लाइव मेडिकल एजुकेशन के साथ सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण काम की ट्रेनिंग भी देगा . यह योजना पहले देश के 50 मेडिकल कॉलेजों में लागू होगी .इसमें से 7 बड़े संस्थान शिक्षा देंगे, जबकि बचे हुऐ 43 मेडिकल कॉलेज को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ट्रेनिंग मिलेगी. इस योजना को दूसरे चरण में देश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में लागू किया जाएगा.

बोली लगाए जाने के बाद नेटवर्क को बनाने का काम नैशनल रिसर्च ऐंड एजुकेशन नेटवर्क (ईआरएनईटी) को मिला है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के तहत काम करता है. इस नेटवर्क में एम्स और एसपीजीआई, लखनऊ मेडिकल कॉलेज से लेकर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज को रिसोर्स सेंटर के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. वहीं, भुवनेश्वर, रायपुर, जोधपुर, भोपाल, ऋषिकेश, पटना एम्स की नई शाखाओं को डिस्टेंस एजुकेशन दी जाएगी.

नैशनल रिसर्च और एजुकेशन नेटवर्क की डायरेक्टर नीना पाहूजा ने बताया कि देश में पहले से ही स्मार्ट एजुकेशन की सुविधा मौजूद है. देश के नामी संस्थान आईआईटी और आईआईएम में यह सुविधा पहले से उपलब्ध है. हालांकि, मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा अभी तक उपलब्ध नहीं है. इंजिनियरिंग में स्किल्ड लोगों की कमी नहीं है, लेकिन चिकित्सा के क्षेत्र में हमारे सभी विषयों के जानकार नहीं हैं और इसमें स्पेशलिस्ट की जरूरत पड़ती है. यह इस नेटवर्क के माध्यम से संभव हो पाएगा.

Gold Rate
Thursday 13 March 2025
Gold 24 KT 87,100 /-
Gold 22 KT 81,000 /-
Silver / Kg 99,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

जानकारी के अनुसार ऑनलाइन टीचिंग मॉड्यूल बिल्कुल क्लास रूम टीचिंग जैसा होगा. इसमें छात्र भी एक्सपर्ट्स से सवाल पूछ सकेंगे . वे लाइव ऑपरेशन भी देख पाएंगे . नेशनल रिसर्च और एजुकेशन नेटवर्क किसी सरकारी कंपनी की तरह कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर अगले पांच साल तक काम करेगा. पहले से ही कई मेडिकल कॉलेज नेशनल नॉलेज नेटवर्क से जुड़ चुके हैं. पहले चरण के लिए देश के उन 50 कॉलेजों को चुना गया था, जो पहले से नैशनल नॉलेज नेटवर्क से जुड़े हुए थे .नैशनल नॉलेज नेटवर्क का आईआईटी और आईआईएम में अच्छा प्रयोग हो रहा है . ऐसे में देश का वर्चुअल एजुकेशन सिस्टम के माध्यम से टेलीमेडिसिन की दिशा में यह अच्छा कदम है.

Advertisement
Advertisement