नागपुर: राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित की गई कर्जमाफी योजना पर सांसद राजू शेट्टी ने कई सवाल खड़े किये है। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में शेट्टी ने कर्जमाफी के नियोजन को नाकाफ़ी बताते हुए आईटी घोटाला होने का आरोप भी लगाया है। सरकार किसानों और कर्जमाफी की रकम का जो आकड़ा प्रस्तुत कर रही है वह आकर्षक है किसानो को कब तक न्याय मिलेगा यह भी तय नहीं है। वह अगस्त से चार बार विदर्भ का दौरा कर चुके है और फ़िलहाल चार दिनों से लगातार दौरे पर ही है लेकिन उन्हें अब तक ऐसा एक भी किसान नहीं मिला जिसने उनसे कहाँ हो की उसके खाते में कर्जमाफी की रकम जमा हुई हो।
शीतकालीन अधिवेशन में सरकार से किसानों के लिए किसी तरह का ठोस फैसला लिए जाने की उम्मीद थी पर ऐसा नहीं हो पाया जो मदत घोषित की भी गई है वह नाकाफी है। दो साल पहले सोयाबीन के लिए 200 रूपए बोनस दिए जाने की घोषणा इसी सरकार ने की थी जो अब तक नहीं मिल पायी है। आम जनता के मन में अब यह धरना बनने लगी है की मौजूदा सरकार से अच्छी पिछली सरकार थी लेकिन उन्हें ऐसा नहीं लगता। पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हमने जो आंदोलन किये उसमे मौजूदा सरकार शामिल थी लेकिन सत्ता पाने के बाद उन मुद्दों की अनदेखी की गई सिंचन घोटाला इसका प्रमाण है।
शेट्टी नागपुर में किसानों से जुड़े एक कार्यक्रम में भाग लेने आये है। इस कार्यक्रम में कुछ दिनों पूर्व देश की राजधानी में हुई किसान संसद से मान्य हुए दो प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। यह प्रस्ताव किसानों की कर्जमुक्ति और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है।
बैंक कर्जमाफी देने से पहले ब्याज जमा वसूलने के लिए किसानों को कर रही परेशान
सांसद राजू शेट्टी ने आरोप लगाया की सरकार द्वारा कर्जमाफी का ऐलान किये जाने के बावजूद बैंक किसानों को परेशान कर रही है। विदर्भ में कई किसानों ने उनसे इस बारे में शिकायत भी की है। 28 जून को कर्जमाफी का ऐलान किया गया। जिसका फायदा अब तक किसानों को नहीं मिला है दूसरी तरफ कर्जमाफी की प्रक्रिया को निपटाने के लिए बैंक किसानो पर मौजूदा वर्ष के कर्ज का ब्याज जमा कराने का दबाव बना रही है।
किसानों की मदत के लिए सरकार द्वारा अपनाया गया तरीका ही गलत
शीतसत्र के दौरान राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक मदत तीन तरीके से उपलब्ध करा कर देने का ऐलान किया है पर हकीकत में इन तरीकों से मदत व्यवहारिक नहीं है। सरकार को चाहिए की वो किसानों को नकद मदत दे और एनडीआरएफ,फसल बीमा,कंपनियों पर किये जाने वाले जुर्माने से आने वाले पैसे वह खुद रख ले।
तीसरे मोर्चे की पहल का समर्थन
राजू शेट्टी ने साफ किया की वह खुद से तीसरे मोर्चे के निर्माण को लेकर किसी तरह की पहल नहीं करेंगे लेकिन अगर किसी के द्वारा इस तरह का प्रयास होता है तो वह और उनका संगठन इसमें साथ देंगे। संभव है की वह इसमें शामिल भी हो जाए।