नागपुर। जय विदर्भ पार्टी की ओर से रविवार को भी विदर्भ चंडिका मंदिर में माता के चरणों में केंद्रीय उपाध्यक्ष मुकेश मासुरकर ने स्वतंत्र विदर्भ के लिए धरना प्रदर्शन किया। आंदोलनकर्ताओं के प्रमुख मांगों में सड़कों से बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर को हटाने, बिजली के टैरिफ को रद्द करने, अतिक्रमणकारी निवासियों और किसानों को उनके स्थान पर स्थायी पट्टे मिलने, विदर्भ विधानमंडल नहीं बल्कि विदर्भ राज्य की स्थापना, खाद्य पदार्थों पर लगाए गए जीएसटी को तत्काल हटाने आदि का समावेश था। इन्हें हासिल करने और सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए जेवीपी कार्यकर्ता श्रृंखलाबद्ध उपवास कर रहे हैं।
लगातार पांच दिन बीत जाने के बाद भी सरकार या प्रशासन का कोई भी व्यक्ति अनशन स्थल पर नहीं आया। विदर्भ राज्य को पाने के लिए विदर्भ के लोग तरस रहे हैं। सोई हुई महाराष्ट्र सरकार को जगाने के लिए आज दोपहर 1 बजे विदर्भ के 62 मौजूदा विधायकों को जगाने और उनके कानों तक जनता की बात पहुंचाने के लिए एक विशेष आंदोलन का आयोजन किया जाएगा।
जय विदर्भ पार्टी के अनशन को संबोधित करते हुए मुकेश मासुरकर ने कहा कि महाराष्ट्र के हर किसान पर औसतन 82 हजार रूपए का कर्ज है, जिसे चुकाने में किसान असमर्थ है और अंत में आत्महत्या कर लेता है, 70 प्रतिशत किसान अपनी जमीन छोड़कर खेतों में काम कर रहे हैं। अगर किसान को हम खुश रखना चाहते हैं, तो विदर्भ राज्य बनाने की सख्त जरूरत है।
आंदोलन स्थल में मध्य नागपुर के अध्यक्ष नरेश निमजे, उत्तर नागपुर के अध्यक्ष ज्योति खांडेकर, नौशाद हुसैन, घनश्याम पुरोहित, गणेश शर्मा, अनिल केशरवानी, उषा लांबट, संपादक तारेश दुरुगकर, गणेश शर्मा, विदर्भ क्रांति सेना के अध्यक्ष जगदीश खापेकर, वासुदेव मासुरकर, लक्ष्मीकांत गोनाडे, प्रकाश कुंते, माधुरी चौहान, शुभम पौनिकर, प्रदीप सरकार, शशिकला माने, नर्मदा दुरूगकर, दामोदर पुरोहित, परसराम राउत, पंडित दिनेश पांडेय, भगवान घाटखाये, निखिल गनेर, भैरवदास शर्मा, श्रीपाद सिरस्कर, नीलेश माने, रोशन भूरे , प्रफुल्ल पौणिकर, प्रशांत जयकुमार, रामेश्वर मोहबे, कोमल दुरुगकर सहित अन्य कार्यकर्ता गण उपस्थित थे। आज सोमवार छठे दिन भी कार्यकर्ताओं का भूख हड़ताल जारी है।