Published On : Mon, Aug 31st, 2020

JEE Main Exam 2020: जेईई मेन परीक्षा 1 सितम्बर से, 10 लाख स्टूडेंट्स के लिए अहम दिन

Advertisement

जेईई-नीट परीक्षा (JEE-NEET Exam 2020) को लेकर पूरे देश में मचे घमासान के बीच कल यानी 1 सितंबर से जेईई मेन की परीक्षा होने वाली है. परीक्षा 1 सितंबर से लेकर 6 सितंबर के बीच होगी. हालांकि, पिछले कुछ दिनों से परीक्षा करवाने को लेकर काफी विरोध हो रहा है. तमाम विपक्षी राजनीतिक पार्टियां छात्रों के स्वास्थ्य का हवाला देकर परीक्षा को टालने की मांग कर रही थीं. इसमें ममता बनर्जी, राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं का नाम है. बीजेपी से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तो भी परीक्षा पर रोक लगाने की बात की थी और इसकी तुलना कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए गए नसबंदी वाले फैसले से कर दी थी. लेकिन अब ये बात साफ हो गई है कि परीक्षा करवाई जाएगी. इस परीक्षा के लिए कुल 8.67 लाख छात्रों ने रजिस्टर किया है.

दो बार टल चुकी है परीक्षा
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से इस परीक्षा को दो बार टाला जा चुका है. पहले यह परीक्षा मई में होने वाली थी जिसे टाल कर जुलाई कर दिया गया. उस वक्त ऐसा माना जा रहा था कि जुलाई तक स्थिति सामान्य हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिसकी वजह से परीक्षा को फिर से टालना पड़ा. इसके बाद परीक्षा की तारीख 1 सितंबर से 6 सितंबर कर दी गई. अभी भी परीक्षा करवाने को लेकर विरोध किए जा रहे थे लेकिन काफी पैरेंट्स और छात्र परीक्षा करवाए जाने के पक्ष में भी थे.

Gold Rate
14 April 2025
Gold 24 KT 94,000/-
Gold 22 KT 87,400/-
Silver / Kg - 95,100/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

सुप्रीम कोर्ट ने कर दी थी याचिका खारिज
परीक्षा को टालने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी डाली गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया और परीक्षा पर रोक लगाने से मना कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ‘ कोविड-19 के समय में भीजिंदगी चलती रहनी चाहिए.’ कोर्ट ने कहा कि अगर परीक्षा टाली जाएगी तो क्या यह देश का नुकसान नहीं होगा. छात्रों का पूरा साल खराब हो जाएगा. साथ ही एनटीए ने ये भी कहा था कि छात्रों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा. इसके लिए एनटीए ने गाइडलाइन्स भी जारी किए.

गौरतलब है कि यह नहीं मानना चाहिए कि सारे स्टूडेंट्स या पैरेंट्स परीक्षा के विरोध में हैं बल्कि काफी छात्र और पैरेंट्स चाहते हैं कि परीक्षा हो जाए ताकि उनका साल खराब न हो. इसके लिए परीक्षा करवाने के पक्ष में भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका पड़ी थी.

एक्सपर्ट्स ने भी की परीक्षा कराने की मांग
हालांकि, विरोध के बीच एक्सपर्ट्स ने भी परीक्षा कराने की मांग की. इस संबंध में करीब 150 शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखी. उनका कहना था कि परीक्षा को टालने से छात्रों का काफी नुकसान होगा. उनका कहना था कि कुछ राजनीतिक पार्टियां पोलिटिकल एजेंडे के तहत परीक्षा करवाने का विरोध कर रही हैं.

क्या था सरकार का वर्जन
सरकार का यही कहना था कि उनके ऊपर परीक्षा करवाने का काफी दबाव है क्योंकि ज्यादातर पैरेंट्स चाहते हैं कि परीक्षा करवाई जाए. डीडी न्यूज़ को दिए अपने एक इंटरव्यू में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ये बात कही थी. फिर कोर्ट में भी सरकार ने जो पक्ष रखा था उसमें भी छात्रों के भविष्य का हवाला दिया गया था. साथ ही ये भी कहा गया था कि परीक्षा के दौरान गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाए गए सारे सुरक्षा उपायों को अपनाया जाएगा. कोर्ट में परीक्षा करवाने को लेकर पड़ी याचिका भी इस ओर इशारा करती है कि सरकार के ऊपर एग्जाम करवाने का दबाव हो सकता है.

एनटीए ने जारी किया है सुरक्षा के लिए गाइडलाइन
परीक्षा के दौरान छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर एनटीए ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी किया. इसके तहत बताया गया कि किस तरह से परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. गाइडलाइन्स के मुताबिक हर स्टूडेंट की परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग की जाएगी. जिन भी छात्रों का तापमान ज्यादा पाया जाएगा या बुखार की संभावना लगेगी उन्हें अलग कमरे में बैठाया जाएगा.

इसके अलावा छात्रों को मास्क लगा कर आना होगा और हाथ में ग्लव्स भी पहनना होगा. पानी की बोतल खुद ही लानी होगी ताकि किसी भी तरह से संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके. गल्व्स निकालने पर भी उसे उचित स्थान पर ही फेंकना होगा. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग को मेनेटेन करने के लिए नीट परीक्षा के लिए सेंटर्स की संख्या भी बढ़ा दी गई है.

Advertisement
Advertisement