नागपुर: विविध मांगों को लेकर 6 संगठनों ने मोर्चा निकालकर विधान भवन पर दस्तक दी. नाथ जोगी समाज द्वारा निकाला गया मोर्चा सबसे बड़ा था. धुलै में हुई नाथजोगी समाज के 5 लोगों की हत्या को लेकर समाज बंधुओं में रोष देखते बनता था. मंत्री सभा में व्यस्त होने के कारण आंदोलनकारियों को काफी इंतजार करना पड़ा. बारिश होने के बावजूद उत्साह कम नहीं हुआ.
लगातार फांसी देने के नारे लगते रहे. इस मोर्चे को संभालने के लिए पुलिस को काफी पसीना बहना पड़ा. इनके अलावा बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी, महाराष्ट्र राज्य साक्षर प्रेरक व प्रेरिका संघ, केरोसिन हॉकर्स, विदर्भ मार्केटिंग पर्सनल कृति समिति और राष्ट्रीय घर कामगार संगठना की ओर से भी मोर्चा निकाला गया.
काले झंडों के साथ निकाला मोर्चा
नाथजोगी, नाथपंथी, डवरी गोसावी, भराड़ी, समाज संचालित श्रीनाथ प्रतिष्ठान द्वारा यशवंत स्टेडियम से निकाले गए मोर्चे को मारेस कालेज टी-प्वाइंट पर रोका गया. मोर्चे का नेतृत्व अनिल शिंदे, रवींद्र चव्हाण, नारायण, रमेश शिंदे, दत्तात्रय ठाकरे ने किया. हाथ में काले झंडे लेकर आंदोलनकारी मोर्चास्थल पर पहुंचे. बच्चे किडनैप करने वाली गैंग समझकर धुलै में 5 समाज बंधुओं को पब्लिक ने पीट-पीटकर मार डाला. नराधमों को फांसी देने की मांग के नारे लगातार लगते रहे.
आंदोलनकारियों का आक्रोष देखकर भारी बंदोबस्त तैनात किया गया. विधायक तृप्ति देसाई और सुधीर पारवे ने भी मोर्चास्थल पर पहुंचकर संबोधित किया और मामला विधान सभा में उठाने का आश्वासन दिया. पुलिस ने तुरंत मोर्चे के शिष्ट मंडल को संबंधित विभाग के मंत्री से मिलने भेजा. पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये मुआवजा, एक व्यक्ति को नौकरी, परिवार के पुनर्वसन, राइनपाड़ा ग्राम पंचायत की इमारत की जगह पर मृतकों का स्मारक बनाने, नागपुर में हुई इसी प्रकार की घटना में मृतकों को अब तक न्याय नहीं मिला है. इसीलिए दोनों मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने आदि मांगों का निवेदन देकर मोर्चा लौट गया.
बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी
स्वतंत्र विदर्भ राज्य सहित विविध मांगों को लेकर बहुजन रिपब्लिकन सोशलिस्ट पार्टी द्वारा मोर्चा निकाला गया. मोर्चे का नेतृत्व डा. सुरेश माने ने किया. टेकड़ी रोड पर मोर्चे को रोका गया. माने, दशरथ मड़ावी, सिद्धार्थ पाटिल, अधि. फिरदोस मिर्जा, प्रा. रमेश पिसे, अधि. भूपेश रायपुरे, अधि. वासुदेव वासे और अधि. सुनिल लाचरवार ने मोर्चे को संबोधित किया. अल्प भूमि धारक किसानों और खेत मजदूरों ६० वर्ष के बाद ५,000 रुपये पेंशन देने. किसान और खेती के लिए लावादा की निर्मिति करने, ओबीसी की जनगणना करने, अनुसूचित जाति जमाति, भटके विमुक्त, अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण, राज्य की प्राथमिक शालाएं बंद न करते हुए छात्रवृत्ति, छात्रवास की सुविधा प्रदान करने सहित विविध मांगों का निवेदन पत्र सौंपा गया.
महाराष्ट्र राज्य साक्षर भारत प्रेरक व प्रेरिका संघ
महाराष्ट्र राज्य साक्षर भारत प्रेरक व प्रेरिका संघ की ओर से निकाले गए मोर्चे को टेकड़ी रोड पर रोका गया. सुजीत गेडाम के नेतृत्व में मोर्चा निकाला गया. प्रेरक व प्रेरिका का वर्तमान ४५ महीने का बकाया मानधन तात्काल देने, प्रेरक और प्रेरिकाओं को रिक्त सरकारी पदों पर नौकरी के लिए प्राथमिकता देने, हर माह 1५,000 रुपये मानधन देने.
प्रौढांना को पढ़ाने के लिए अलग इमारत बनाने, राष्ट्रीय साक्षर भारत अभियान को तीन वर्ष बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के पास सिफारिश करने, रिक्त पदों पर नए प्रेरकों की नियुक्ति करने सहित विविध मांगों का निवेदन पत्र सौंपा गया. शिष्ट मंडल में सुजीत गेडाम, नितिन बांबुर्डे, दत्ता देशमुख का समावेश था.
केरोसिन हॉकर्स, रिटेलर्स फेडरेशन
लाइसेन्स धारकों को २०,000 रुपये मासिक मानधन देने, एक गैस सिलेंडर रखने वाले परिवार को केरोसिन देने सहित विविध मांगों को लेकर केरोसिन हॉकर्स और रिटेलर्स फेडरेशन द्वारा मोर्चा निकाला गया. मोर्चे का नेतृत्व संगठन के प्रदेशाध्यक्ष बाबूराव मेश्राम ने किया. केरोसिन विक्रेताओं का कोटा और कमीशन बढ़ाने, राकेल का दाम कम करने सहित विविध मांगों को लेकर निवेदन सौंपा गया. मोर्चे में अनिल हिरकने, दत्तात्रय शिंपी, देवीलाल भूते, गणेश निखार, हंसराज लांजेवार और मोहम्मद अकरम आदि उपस्थित थे.
विदर्भ मार्केटिंग पर्सनल कृति समिति
पैनकार्ड क्लब में निवेश करने वालों को पैसा वापस दिलाने की मुख्य मांग को लेकर विदर्भ मार्केटिंग पर्सनल कृति समिति की ओर से मोर्चा निकाला गया. मोर्चे का नेतृत्व उमेश बंड ने किया. कंपनी की संपत्ति बेचकर निवेश करने वाले मध्यमवर्गीय लोगों को भूखे मरने से बचाने, ग्राहकों के पास प्रलंबित सदस्य प्रमाणपत्र सादर करने के लिए सभी जिलाधिकारी कार्यालयों में व्यवस्था करने और बेरोजगार हो गए प्रतिनिधियों को शासकीय सेवा में लेने की मांग को लेकर निवेदन पत्र सौंपा गया. मोर्चे में संजय लोखंडे, एस.आर. तसरे, डी.आर. रावणकार, एस.बी. लांजेवार भी उपस्थित थे.