– नागपुर जिले की रेती घाट निलामी पर लगी रोक को सफेदपोश के इशारे पर कायम रखेंगी जिला प्रशासन
नागपुर – NGTA के आदेश को धता बता कर जिला प्रशासन की खुलेआम छूट पर सिर्फ सावनेर-पारशिवनी इलाके आधिकारिक बंद रेती घाटों पर 24 घंटे रेती उत्खनन का दौर जारी हैं.रोजाना 1000 से अधिक एलपी,टिप्पर,ट्रक,ट्रैक्टर द्वारा परिवहन किया जा रहा.
इस अवैध व्यवसाय में तब और तेजी आएंगी जब मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार आ जाएंगी।
फ़िलहाल नागपुर जिले में सिर्फ सावनेर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अवैध रेती उत्खनन का व्यवसाय 50-50 के समझौते पर शुरू हैं.शेष विधानसभा क्षेत्र में रेती उत्खनन पूर्णतः बंद हैं.क्या जिले के पालकमंत्री और गृहमंत्री के हद्द में सावनेर विधानसभा क्षेत्र नहीं आती या फिर इस क्षेत्र के रेत माफियाओं से अघोषित कोई समझौता इनके साथ भी हुआ हैं,इसकी चर्चा जिले में सर्वत्र हो रही.
नागपुर जिले में रेती की अवैध उत्खनन से शहर,जिले के सरकारी-अर्ध सरकारी और निजी प्रकल्पों को रेत मिल रहा,यह उल्लेखनीय हैं कि सरकारी प्रकल्प चोरी की रेती से तैयार हो रहे.
सूत्र बतलाते हैं कि जल्द ही मध्यप्रदेश मालेगांव से चोरी की रेती नागपुर और आसपास लाने का क्रम शुरू होने वाला हैं,जिसके लिए मालेगांव में एक टीम को तैनात किया गया हैं.यह घाट खापा से 20 किलोमीटर तो सावनेर से 35 किलोमीटर की दूरी पर हैं.यहाँ से रेती परिवहन होने पर रेत का मूल्य काफी बढ़ जाएगा,वह इसलिए कि परिवहन खर्च सह सरकारी बंदों का खर्च बढेंगा।
यह भी चर्चा हैं कि मध्यप्रदेश के उपचुनाव बाद अगर कमलनाथ की सरकार आई तो नागपुर जिले के रेती घाटों को अधिकृत तौर पर खोलने की अनुमति न मिले,इसके लिए इस व्यवसाय से जुड़े सफेदपोश राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर दबाव बनायेंगे ?
संभावना हैं कि कमलनाथ की सरकार बनते ही मध्यप्रदेश के रेती घाटों से अवैध रेती उत्खनन सह परिवहन अपने शबाब पर आ जाएगा।