– मैंगनीज खनन कंपनी ने अपना पल्लू झटका,जलवायु प्रदूषण से पालतू जानवरों और वन्यप्राणियों के लिए खतरा
नागपूर – मध्यप्रदेश के छिन्दवाडा जिला से महाराष्ट्र के नागपूर जिले में गुजरती कन्हान नदी तटवर्तीय ग्रामवासियों को जलवायू प्रदूषण की मार झेलनी पड रही हैं l यह जलवायू प्रदूषण सौंसर तहसील अंतर्गत ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी और कोपरावाडी परिसर में स्थित मैंगनीज खदान का विशैला जल को मौसमी नाले के जरिए कन्हान नदी मे छोडा गया है ?
जिसमें 450 से 500 फुट गहरी खाईनुमा खदान के अंदर बड़े बिजली पंम्पों के लगाए गये हैं,उन पंपों के जरिए भारी मात्रा में विषैला और प्रदूषित जल को छोड़ा जा रहा है. हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसंधान के मुताबिक शुद्ध व संशोधन( फिल्टर) किया गया, मैंगनीज अयस्क(पावडर) की 1 ग्राम मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए हितकर है ? परंतु धरती की आंतरिक तह में मौजूद मैंगनीज का विषैला सहित अन्य जहरीले धातु कण और खनन मशीनरियों से निकलने जले हुए पैट्रोल डीझल की तैलीय पदार्थ कीट और वाहनों के सैलेंसर से निकलने वाले जहरीले धुंआ कार्बनडाईआक्साईड के कण और ब्लास्टिंग की धूल से होने वाले दुष्परिणाम जन सामान्य नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है ?
तत्संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो अधिक मात्रा में मैंगनीज के दूषित कण जन स्वास्थ्य के लिए हानीकारक है.क्योंकि मैंगनीज अयस्क के कण विषैले होते है ? बताते हैं कि मैंगनीज के अधिक संपर्क में आने पर मास्तिस्क सम्बधित रोग उत्पन्न हो सकते है ?
कार्रवाई के लिए सरकारी यंत्रणा के कांपते हैं हाथ
बताते हैं कि यहां मैंगनीज खनन पट्टा व लीज धारक निजी कंपनी प्रबंधन की दमनकारी नीतियों के खिलाफ कार्यवाई करने में सरकारी यंत्रणा भी घबराती और डरती है ? इतना ही नहीं शिकायत के बावजूद भी मध्यप्रदेश शासन के संबंधित अधिकारी दोषी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाई करने में उनके हाथ कांपने लगते है ?
छिंदवाड़ा के जिला खनिज अधिकारी कार्यालयीन सूत्रों की माने तो सरकारी यंत्रणा को वेतनमान सरकार से मिलता है परंतु संबंधित अधिकारी कार्य खनन माफिया के संरक्षण लिए करते है ?
बताते हैं कि चाहे वन विभाग य राजस्व विभाग के सहयोग से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा और अवैध उत्खनन की हिफाजत के लिए सरकारी यंत्रणा काम करती है ? सूत्रों का आरोप है कि यहां जिला छिंदवाड़ा में कार्यरत वरिष्ठ सिविल सेवा सर्विसेस अधिकारी भी फर्जी डिग्री धारक होने के कारण संबंधित कार्यों के लिए उनमें अनुभवहीनता आड़े आ रही है ?
परिणामतः यहां दोषी खनन माफिया कंपनी मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि पर कोई अधिकारी और राजनेता उंगली नही उठा सकता है ?
नतीजतन ग्राम पलासपानी कच्छीढाना रामपेठ दमानी और कोपरावाडी परिसर में स्थित मैंगनीज खदान के विषैला व प्रदेषित जल के प्रकोप से कन्हान नदी तटवर्तीय ग्रामवासियों के पालतू जानवरों मवेशियों और वन्यप्राणियों के लिए घातक साबित हो रहा है l इतना ही नही कन्हान नदी तटवर्तीय ग्रामवासियों के निजी और सरकारी कुंओं तथा हैन्डपंप प्रदूषित जल उगल रहे हैं ?
नागरिकों के तर्कसंगत आरोप के मुताबिक मैंगनीज खनन कंपनी मेसर्सः कृष्णापिंग फेरो अलाएस प्रा लि के मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव खंडेलवाल का मानना है कि यहां मैंगनीज खनन करने का हमने परमिट लिया है ? जल शुद्धीकरण केन्द्र उपलब्ध करवाना ये हमारा काम नहीं है ? यह कार्य तो मध्यप्रदेश शासन ने करके देना चाहिए ? उक्त मामले की केन्द्र सरकार तथा मध्यप्रदेश शासन के संबंधित अधिकारियों को सविस्तर शिकायत प्रस्तुत की गई है.