Published On : Thu, Jan 6th, 2022

ओमिक्रॉन से बचाव के लिए चिकित्सा सुविधाएं तैयार रखें; पालक मंत्री के निर्देश

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एम्स, मेडिकल, मेयो का किया निरीक्षण

नागपुर. शहर और जिले में बढ़ रहे कोरोना मामलों और ओमिक्रॉन वैरियंट के प्रसार को देखते हुए पालक मंत्री नितिन राऊत ने बुधवार को एम्स, मेडिकल और मेयो हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्देश दिए कि ओमिक्रॉन संक्रमण और कोरोना की संभावित तीसरी लहर के रोगियों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए ऑक्सीजन बेड, आईसीयू रूम, बच्चों के लिए अलग वार्ड, ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ-साथ सभी सहायक चिकित्सा सुविधाओं से लैस होने के निर्देश दिए.

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इस दौरान जिलाधिकारी विमला आर., मनपा आयुक्त राधाकृष्णन बी., एम्स की संचालक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता, मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता, मेयो के अधिष्ठाता डॉ. भावना सोनवणे के अलावा जिला शल्य चिकित्सक डॉ. पातूरकर की उपस्थिति रही. राऊत ने एम्स में कोविड वार्ड, ऑक्सीजन बेड की संख्या, कोविड जांच प्रयोगशाला का निरीक्षण किया. उन्होंने एम्स प्रशासन को ओमिक्रॉन संक्रमण और कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया. वर्तमान में डॉक्टरों के कुल 50 पदों में से 43 पद भरे जा चुके हैं और 7 पद खाली हैं.

ओमिक्रॉन मरीजों और संदिग्ध कोविड मरीजों के लिए 100 बेड के अलग-अलग कोविड वार्ड बनाए गए हैं और 40 आईसीयू बेड, 25 वेंटिलेटर, टेस्ट लैबोरेट्रीज व अन्य सुविधाएं स्थापित की गई हैं. कोविड मरीजों के लिए 160 बिस्तरों वाला वार्ड वर्तमान में चल रहा है और चौथी मंजिल पर 340 ऑक्सीजन बिस्तरों वाला एक अलग वार्ड बनाया गया है.

इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल व नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराया जाएगा. डॉ. दत्ता ने जानकारी दी कि एम्स में कोरोना के अलावा अन्य मरीजों के लिए अलग से सुविधाएं भी स्थापित की गई हैं. एम्स 400 सिलेंडर की क्षमता वाले 4 पीएसए प्लांट बना रहा है जो 30 किलो वजन के 458 जंबो सिलेंडर ऑक्सीजन मुहैया कराएगा. इसके बाद पालक मंत्री ने मेडिकल कॉलेज की कोविड जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया. मेयो में मेडिकल कॉलेज और ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण करने के बाद, उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों से ऑक्सीजन की उपलब्धता और क्षमता के बारे में जाना.