नागपुर: पुणे स्थित भोसरी जमीन घोटाले की जाँच कर रही झोटिंग समिति पर मामले के संशयित आरोपी एकनाथ खड़से ने आक्षेप उठाया है। पूर्व राजस्व मंत्री और जमीन के गैरव्यवहार से जुड़े मामले का सामना कर रहे एकनाथ खड़से के अनुसार झोटिंग समिति ने राज्य सरकार द्वारा तय किये गए दायरे से बाहर जाकर मामले की जाँच की है। सोमवार को समिति के सामने फिर एक बार उपस्थित हुए खड़से ने समिति द्वारा उठाये गए मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। अब मंगलवार यानी कल फिर इसी मामले की सुनवाई होगी।
पूर्व राजस्व मंत्री पर अधिकार का बेजा इस्तेमाल कर एमआयडीसी की जमीन पारिवारिक सदस्यों को देने का आरोप है। इसी मामले की जाँच नागपुर में सरकार द्वारा नियुक्त की गयी झोटिंग समिति कर रही है। यह जाँच बीते 8 महीने से जारी है। जगह से जुड़े राजस्व और एमआयडीसी द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों की जाँच की जा चुकी है। साथ ही एमआयडीसी से जगह से संबंधित बयान और सबूत समिति के सामने प्रस्तुत किए जा चुके हैं। जाँच के दौरान ही खड़से द्वारा व्यवहार के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार किये जाने की जानकारी एमआयडीसी के वकील चंद्रशेखर जलतारे ने दी है। उनके मुताबिक खड़से की पुरानी भूमिका ने समिति से सामने पलट गए है।
सूत्रों के अनुसार आज हुई सुनवाई के दौरान समिति ने खड़से से कई सवाल पूछे जिसमें से कई प्रश्नों का जवाब देने के उन्होंने टालमटोल किया। समिति ने अपने दायरे से बहार जाकर जाँच की बात कहते हुए खड़से से कई मुद्दों को जोड़कर नया निवेदन समिति को दिया। खड़से के निवेदन पर एमआयडीसी के वकील ने आपत्ति उठाई।
समिति को कुछ और मुद्दों पर खड़से का पक्ष जानना है इसलिए मंगलवार को फिर सुनवाई होगी। मंगलवार की सुनवाई अंतिम हो सकती है जिसके बाद समिति अपने रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजेगी।