-मनपा के इतिहास में पहली दफा यह नज़ारा देखने को मिला
नागपुर : एक और मनपा हद्द में कचरा संकलन करने का ठेका लेने वाली दोनों कंपनियों ने बिना संसाधन के जिम्मेदारी स्वीकार ली तो दूसरी ओर अल्प कर्मियों सह शहर की समझ न होने के कारण कचरा संकलन में अड़चन होने की वजह से मनपा के दिग्गज खाकी-खादी को सड़क पर उतरने की नौबत आ गई.
मनपा के खादी की सिफारिश पर खाकी ने बिना जाँच-परख के मनपा के १० ज़ोन अंतर्गत कचरा संकलन की जिम्मेदारी आधी-आधी बाँट दी.इनमें ‘एजी’ व ‘बीवीजी’ का समावेश हैं.दोनों ही ठेकेदार कंपनियों ने काम तो स्वीकार लिया लेकिन दोनों ही कंपनियों के पास करार के अनुसार न कर्मी और न ही संसाधन हैं और जो भी वाहन-गाड़ी हैं वह भी टेम्परोरी नंबर के या फिर पुरानी बड़ी गाड़ियां हैं.
ऐसे में रोजाना जमा होने वाली १२०० टन कचरा संकलन ठप्प हो गया.इन नए ठेकेदार एजेंसी के बचाव में मनपा के दिग्गज खाकी-खादी आज सड़क पर कचरा उठाने के क्षेत्र में देखे गए,वह भी मंगलवारी ज़ोन के निकट मंगलवारी बाजार परिसर में,यहाँ कल याने प्रत्येक सोमवार को बाजार लगता हैं.यह भी मनपा इतिहास में पहली घटना हैं कि किसी ठेकेदार कंपनी के प्रति इतना प्रेम.
जबकि निविदा शर्तों के हिसाब से दोनों ठेकेदार कंपनियों को ‘शोरूम’ की गाड़ियां सेवा में लगानी हैं.संकलित कचरों का परिवहन करते वक़्त एक भी कचरा सड़क पर नहीं गिरना चाहिए। यह भी नियम हैं कि ठेकेदार अपने बेड़े में कोई भी किराये का वाहन नहीं लगा सकते हैं.
स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का मानना हैं कि कनक के सभी व्यवस्थापन संभालने वालों की मनपा के सम्बंधित खाकी-खादी ने तत्काल बैठक लेकर उन्हें नए ठेकेदार कंपनी के तहत नियुक्त करना चाहिए,उनके अनुभव के आधार पर सम्पूर्ण व्यवस्थापन को सुचारु करने में आसानी होंगी।साथ ही उक्त दोनों नए ठेकदारों को अल्प मुद्दत का समय देकर तय करार के अनुसार सभी सम्बंधित वाहनों को बेड़े में शामिल करवाया जाए.अन्यथा स्वछता मामले में शहर बदहाल हो जाएगा और इस दफे स्वच्छ भारत मिशन के तहत क्रमांक कहीं पीछे से न लग जाए ?