किरण ने लगाई गुहार : दहेज़ व ज़हर देकर मारने की कोशिश का मामला
कामठी (नागपुर)। सदियों पुरानी दहेज़ प्रथा को अब तक समाप्त नहीं किया जा सका है. यह भारतीय समाज के लिए अभिशाप है यह सर्वविदित होने के बावजूद कुछ ऐसे भूखे समाज के दरिंदे अब भी अपनी मौजूदगी का अहसास करा रहे हैं, जो मानवता को शर्मसार तो कर ही रही है वहीं दो दिलों के पवित्र शादी के बंधन को भी झुठला रहा है. समाज में आज भी दहेज़ लोभी किसी भी हद तक जाने को तैयार खड़े है, मगर समाज के रक्षक उन दरिंदों तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं, इस पर कई सवाल उठ रहे हैं पर एक भी जवाब नहीं मिलता नज़र आ रहा है. इसी कड़ी में ताज़ातरीन उदाहरण ‘किरण’ का है, जिसने ऐसे कई आशय की ख़बरें खुद पत्रकारिता के माध्यम से उजागर कर समाज के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाती रही. मगर पुलिस (रक्षक) अब उसे न्याय देने में क्यों अक्षम नज़र आ रहा है, समझ से परे है. ऐसा लग रहा है मानो इस मामले के तमाम अपराधी समाज के रहनुमाओं को मुँह चिढ़ा रहा हो.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कामठी निवासी किरण जायसवाल की शादी 27 सितम्बर 2012 को झिंगबाई टाकली, नागपुर निवासी सचिन कनोजिया से हुई. सिर्फ एक साल के भीतर ही ससुराल पक्ष दहेज़ की मांग करते हुए किरण को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देने लगे. उधर 17 महीनों में पति ने 17 बार मायके भेज पैसे लाने को मज़बूर करता रहा. और प्रताड़ित करते हुए अंत में 27 अक्टूबर 2014 को 10 लाख रुपयों की मांग की पूर्ति न होते देख सुबह 8 बजे किरण को जबरन विष पिला कर ख़त्म करने की कोशिश की गई. अचानक भाईदूज के दिन किरण का भाई गौरव जायसवाल बहन से मिलने पहुँचा तो उसे घटना की जानकारी मिली तो उसने हालत काफी गंभीर होने से किरण को तुरंत मेडिकल अस्पताल के अतिदक्षता विभाग में भर्ती कराया. जहाँ मौत के मुँह से बचा कर आगे उपचार के लिए किरण को भाई ने अपने घर कामठी ले आया. उसके बाद आरोपी पति सचिन कनोजिया, श्याम कनोजिया, प्रज्ञा कनोजिया (सास), विनय उर्फ़ चिकू कनोजिया के खिलाफ भादवि की धारा 307, 498 (अ) के तहत गिट्टीखदान पुलिस में मामला दर्ज किया गया। किन्तु अब तक आरोपियों को गिरफ़्तार नहीं किये जाने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है. पत्रकार किरण ने गुनहगारों को शीघ्र पकड़कर न्याय दिए जाने की मांग की है.