नागपुर: महानगरपालिका में गाड़ियों के स्पेयर पार्ट और एलईडी बल्ब की खरीदी प्रक्रिया में गड़बड़ी होने के घोटाले सामने आ रहे हैं. सूत्रों द्वारा मिली जानकरी के अनुसार घोटालों में शामिल सभी अधिकारियों पर मनपा आयुक्त की पूरी नजर है. साथ ही अब इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारियों के संपत्ति के विवरणों की जांच की जाएगी.
राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने पारदर्शी प्रशासन व शासकीय अधिकारी, कर्मचारियों की आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अब सभी सरकारी कर्मचारियों को हर वर्ष 30 मई तक अपनी आर्थिक संपत्ति का ब्यौरा संबंधित खाता प्रमुखों के पास भेजना अनिवार्य कर दिया है.
महाराष्ट्र नागरिक सेवा नियम के तहत सभी शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को किसी भी सेवा में दाखिल होने के बाद नियुक्ति के समय और उसके बाद भी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देना बंधनकारक है. पहले मात्र अधिकारियों को ही अपनी संपत्ति का विवरण दिसंबर के अंत तक देना होता था. लेकिन अब शासन के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति के वार्षिक विवरण सौंपने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है.
रोका जाएगा प्रमोशन
इस नियम के मुताबिक अब सरकारी विभागों में कार्यरत क्लास-1 से लेकर क्लास-3 के अधिकारी और कर्मचारियों को वार्षिक ब्यौरा देना होगा. साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों की संपत्ति संबंधित सभी जानकारी शासन गुप्त रूप से अपने पास रखेगा. सूत्रों ने बताया कि अधिकारी या कर्मचारियों द्वारा संपत्ति विवरण पत्र नहीं दिए जाने पर और इस संबंध मे कोई भी जानकारी छुपाए जाने पर उनका प्रमोशन रोक दिया जाएगा.
31 मई निकल जाने के बाद भी मनपा के कई कर्मचारियों ने इस वर्ष की संपत्ति की जानकारी संबंधित विभाग को दे दी है, साथ ही जिन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप है, ऐसे सभी अधिकारी अब आयुक्तों के रडार पर हैं.