Published On : Mon, Mar 31st, 2025
By Nagpur Today Nagpur News

जयंती नगरी VII कानूनी लड़ाई में फंसा: क्या आपकी निवेश योजना खतरे में है?

Advertisement

नागपुर: जयंती नगरी VII प्रोजेक्ट को लेकर 30 और 31 मार्च को प्रकाशित दो विरोधाभासी विज्ञापनों ने नागपुर के संभावित खरीदारों को असमंजस में डाल दिया है। यह प्रोजेक्ट M/s Abhijit Realtors and Infraventures Pvt. Ltd. द्वारा मौजा बेसा में विकसित किया जा रहा है, लेकिन इस पर कानूनी विवाद के बादल मंडरा रहे हैं।

क्या है मामला?

30 मार्च को एडवोकेट विलास बी. डोंगरे और एडवोकेट ज्योति वी. डोंगरे ने अपने मुवक्किल उदेशकुमार सूर्यभान नायक की ओर से एक चेतावनी नोटिस प्रकाशित किया। नोटिस में जनता को आगाह किया गया कि इस प्रोजेक्ट से जुड़ी किसी भी संपत्ति की खरीद-फरोख्त में न उलझें, क्योंकि यह विवादित है। नायक का दावा है कि उन्होंने यह कृषि भूमि M/s Abhijit Realtors को बेची थी, लेकिन कंपनी ने अभी तक पूरा भुगतान नहीं किया है।

नायक ने इस संबंध में विशेष दीवानी वाद (S.C.S.) नंबर 294/2025 नागपुर के सिविल कोर्ट में दायर किया है, जिसमें बिक्री विलेख को रद्द करने की मांग की गई है। नोटिस में यह भी कहा गया कि इस प्रोजेक्ट में कोई भी लेन-देन कानूनी रूप से वैध नहीं होगा और खरीदारों को इससे जुड़ा कानूनी जोखिम उठाना पड़ेगा।

Gold Rate
22 April 2025
Gold 24 KT 99,400 /-
Gold 22 KT 92,400 /-
Silver / Kg 97,000 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

रियल एस्टेट कंपनी की सफाई

इसके जवाब में, 31 मार्च को M/s Abhijit Realtors के निदेशक अभिजीत जॉयदेबकुमार मजूमदार ने एक प्रति-विज्ञापन प्रकाशित किया। उन्होंने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि यह उनकी कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है।

मजूमदार का कहना है कि नायक द्वारा बेची गई भूमि प्रोजेक्ट का सिर्फ एक हिस्सा है और इससे पूरा जयंती नगरी VII प्रोजेक्ट प्रभावित नहीं होता। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिक्री विलेख 2 सितंबर 2016 को निष्पादित हुआ था और उसी समय पूरी राशि का भुगतान किया गया था। कंपनी के अनुसार, उस दिन ही भूमि का कब्जा भी स्थानांतरित कर दिया गया था, और प्रोजेक्ट कानूनी रूप से सही तरीके से विकसित किया गया है।

उन्होंने संभावित खरीदारों से चेतावनी नोटिस को नज़रअंदाज़ करने और इस प्रोजेक्ट को सुरक्षित मानने की अपील की। इसके अलावा, कंपनी ने नायक के खिलाफ मानहानि और आपराधिक कार्रवाई करने की भी घोषणा की।

क्या कानूनी विवादों में फंसी संपत्ति में निवेश करना सही है?

एडवोकेट डोंगरे का कहना है कि उनका दावा पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित है और उनके मुवक्किल को अब तक भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने M/s Abhijit Realtors पर ज़मीन हथियाने के आरोप लगाए हैं।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इस कंपनी का एक और प्रोजेक्ट, जयंती नगरी IV, भी इसी तरह के विवादों में फंसा था, जहां भुगतान को लेकर कानूनी अड़चनें आई थीं। ऐसे में उन्होंने खरीदारों को सलाह दी कि वे जयंती नगरी VII प्रोजेक्ट में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी हासिल करें और कानूनी स्थिति की जांच जरूर करें।

खरीदारों के लिए चेतावनी: सोच-समझकर करें निवेश!

इस विवाद के चलते खरीदारों के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या कानूनी विवादों में फंसे प्रोजेक्ट में निवेश करना सुरक्षित है? विशेषज्ञों की राय में, ऐसे मामलों में खरीदारी से पहले वकील से परामर्श लेना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में कानूनी पचड़ों से बचा जा सके।

चूंकि मामला अभी न्यायालय में लंबित है, इसलिए जब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता, तब तक निवेशकों को सतर्क रहने और किसी भी संपत्ति की खरीद से पहले पूरी जांच-पड़ताल करने की जरूरत है

Advertisement
Advertisement